डिजिटल इकोनॉमी में साइबर सिक्योरिटी बनेगी सबसे बड़ी चुनौती
डिजिटल इकोनॉमी में साइबर सिक्योरिटी सुनिश्चित कराना बैंकों और सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। नोटबंदी ने कैशलेस लेन-देन को तेजी बढ़ाया है और सरकार भी इसे प्रोत्साहित करने में जुटी है। इसके लिए डिजिटल इकोनॉमी के बहुत सारे फायदे भी गिनाए जा रहे हैं, लेकिन डिजिटल इकोनॉमी में साइबर सिक्योरिटी सुनिश्चित कराना बैंकों और सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। अक्टूबर महीने में बैंकों के 32 लाख डेबिट कार्ड के डाटा की चोरी नए खतरे का संकेत है।
डिजिटल इकोनॉमी में सबसे बड़ा जोखिम डेबिट और क्रेडिट कार्ड धारकों के डाटा को सुरक्षित रखने का है। यदि एक बार यह डाटा चोरी हो गया तो, फिर कोई भी व्यक्ति उसका दुरुपयोग कर पैसे निकाल सकता है या फिर कहीं भी पेमेंट कर सकता है। वैसे ऐसे किसी संदेहास्पद लेन-देन की स्थिति में बैंक ग्राहकों को तत्काल डेबिट या क्रेडिट कार्ड को बंद करना या उसका पिन बदलने की सुविधा देता है। लेकिन अशिक्षित किसानों और गरीब मजदूरों से सुरक्षा के इन मापदंडों को बिना समय गंवाए अपनाना संभव नहीं होगा।
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लेकिन अभी तक की स्थिति डिजिटल इकोनॉमी में साइबर सुरक्षा सुनिश्चित कराती नहीं दिख रही है। अक्टूबर महीने में ही 32 लाख डेबिट कार्ड धारकों के डाटा चोरी का खुलासा हुआ। इसका पता तब चला, जब उनके खाते से रकम निकलने लगे। इनमें मास्टर कार्ड, वीजा कार्ड और रूपे कार्ड के डाटा भी शामिल हैं। 26 लाख मास्टर और वीजा कार्ड के तो छ लाख डाटा रूपे कार्ड के भी चोरी हुए थे।
ये डाटा स्टेट बैंक आफ इंडिया से लेकर एक्सिस बैंक, आइसीआइसीआइ बैंक, एचडीएफसी बैंक और एस बैंक के ग्राहकों के हैं। लेकिन इतने बड़े डाटा चोरी के खिलाफ एफआइआर दर्ज किये जाने की जानकारी किसी को नहीं है। प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में एफआइआर दर्ज किये जाने का इंतजार कर रहा है, ताकि वह आरोपियों के खिलाफ मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत कार्रवाई कर सके।
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डिजिटल फ्राड के केसों की जांच से जुड़े सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि साइबर सिक्यूरिटी लगातार बदलने वाली चीज है और सरकार इस पर लगातार काम कर रही है। सूचना तकनीक मंत्रालय के मातहत सेंटर फार इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी) नाम का विभाग इसी पर काम करता रहता है। उन्होंने कहा कि डिजिटल इकोनामी के बढ़ने के साथ-साथ सीईआटी की अहमियत और बढ़ेगी और उसे अधिक मजबूत करना होगा। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधियों के डर से डिजीटल इकोनोमी के फायदे से वंचित रहना उचित नहीं होगा।
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