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सेंट स्टीफंस कॉलेज में धर्मांतरण की कोशिश!

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) से संबद्ध सेंट स्टीफंस कॉलेज के प्रिंसिपल पर कॉलेज के एक प्रशासनिक अधिकारी ने धर्मांतरण के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया है। कॉलेज प्रशासन ने आरोप लगाने वाले अधिकारी को ही निलंबित कर दिया है। अब पूरा मामला गवर्निग बॉडी की बैठक में रखे जाने की

By Sudhir JhaEdited By: Published: Sun, 14 Dec 2014 07:52 AM (IST)Updated: Sun, 14 Dec 2014 08:12 AM (IST)
सेंट स्टीफंस कॉलेज में धर्मांतरण की कोशिश!

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) से संबद्ध सेंट स्टीफंस कॉलेज के प्रिंसिपल पर कॉलेज के एक प्रशासनिक अधिकारी ने धर्मांतरण के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया है। कॉलेज प्रशासन ने आरोप लगाने वाले अधिकारी को ही निलंबित कर दिया है। अब पूरा मामला गवर्निग बॉडी की बैठक में रखे जाने की तैयारी है।

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सूत्रों के अनुसार, कॉलेज के प्रशासनिक अधिकारी शुभ कुमार दास ने गत 9 दिसंबर को कॉलेज के प्रिंसिपल वॉल्सन थम्पू को पत्र लिखकर उन पर धर्मांतरण के लिए दबाव डालने समेत कई आरोप लगाए। उन्होंने पत्र में कहा, आपने मुझपर हिंदू से ईसाई धर्म अपनाने के लिए दबाव बनाया, जिसका मैं सख्त विरोध करता हूं। मैं ब्राह्मण हूं और अपने धर्म में मेरी पूर्ण आस्था है। इसलिए भविष्य में ऐसा दबाव न डाला जाए, क्योंकि यह मेरे और मेरे परिवार की धार्मिक भावना को आहत करता है।

उन्होंने पत्र में कॉलेज प्रशासन में वित्तीय अनियमितता के मामलों का भी जिक्र किया है। प्रिंसिपल पर आरोप के अगले ही दिन दास को निलंबित कर दिया गया है। उन्हें कार्यालय, पुस्तकालय, साइंस कैंपस, कैफे सहित कई इलाकों में जाने पर प्रतिबंधित किया गया है। प्रशासन ने दास पर गलत आचरण व कॉलेज प्रशासन के सदस्यों को अपमानजनक एसएमएस भेजने के आरोप लगाए हैं।

दास ने निलंबन पर सवाल उठाते हुए प्रिंसिपल को पत्र लिखकर विरोध जताया है। दास ने प्रिंसिपल को शनिवार को लिखे पत्र में कहा, च्आपने मुझसे कहा कि धर्मातरण में कुछ भी गलत नहीं है और इससे लाभ होगा। मेरे पिता भी अयंगर ब्राह्मण थे, लेकिन मैंने ईसाई धर्म अपनाया। दास ने कहा है कि प्रिंसिपल ने उन्हें यह कहते हुए मोबाइल फोन देने की कोशिश की कि यह मोबाइल उन्हें पूर्व बिशप साहब ने दिया था, लेकिन उन्होंने इसे लेने से इन्कार कर दिया। दास ने यूनियन को भी पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि धर्मांतरण के लिए दबाव बनाने के साथ ही प्रिंसिपल उनसे निजी कार्य भी करवाते थे। उनसे आयकर से संबंधित कार्य, बेटी की सगाई के इंतजाम, निजी हवाई यात्र के टिकट बुक कराने जैसे कार्य कराए गए और उनकी निजी कार भी इस्तेमाल करते थे।

प्रिंसिपल ने अपने जन्मदिन पर खाने-पीने का खर्च कॉलेज की धनराशि से किया। पत्र में दास ने कहा है कि धर्मांतरण संबंधी दबाव के चलते उनका परिवार मानसिक दबाव में है।

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