नहीं थम रहा रोहित वेमुला की जाति का विवाद
हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के शोध छात्र रोहित वेमुला की जाति को लेकर छिड़ा विवाद फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है।
हैदराबाद। हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के शोध छात्र रोहित वेमुला की जाति को लेकर छिड़ा विवाद फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है। तेलंगाना पुलिस ने अब तक की जांच में पाया है कि उसकी मां वढ़ेरा समुदाय से ताल्लुक रखती हैं, जो दलित नहीं है। बता दें कि रोहित ने 17 जनवरी को आत्महत्या कर ली थी।
साइबराबाद पुलिस के माधापुर मंडल के सहायक पुलिस आयुक्त एम. रमन्ना कुमार ने हाई कोर्ट में सरकारी अभिवक्ता (गृह) से आंतरिक पत्राचार में यह बात कही है। इसमें रोहित के पिता वेमुला नगा मणि कुमार के बयान को आधार बनाया गया है। मणि कुमार ने इससे पहले पत्रकारों को बताया था कि वह भी बढ़ेरा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। यह समुदाय अनुसूचित जाति (एससी) के तहत नहीं बल्कि पिछड़ा वर्ग के तहत आता है।
आंतरिक पत्राचार में रोहित के दादा-दादी के बयानों का भी जिक्र है जो मणि कुमार के बयान की पुष्टि करते हैं। यह बयान आत्महत्या मामले के जांच अधिकारी ने दर्ज किए थे। इसके अलावा गुराजला गांव की सरपंच महनकाली सीताम्मा के बयान भी इसी तथ्य की पुष्टि करते हैं। उसका कहना था कि वह रोहित के परिवार की दूर की रिश्तेदार है। जबकि वेमुला राधिका का दावा है कि वह अनुसूचित जाति के माला समुदाय से ताल्लुक रखती हैं।
23 जनवरी को मीडिया से बातचीत में राधिका ने कहा था कि उनके पति वढ़ेरा समुदाय से हैं। पारिवारिक विवाद की वजह से तीसरे बच्चे के जन्म के बाद वे अलग हो गए थे। इसके बाद उन्होंने (राधिका ने) माला बहुल इलाके में रहकर बच्चों का उसी समुदाय के रीति रिवाजों के अनुसार पालन पोषण किया।
गुंटूर शहर के तहसीलदार को भी जांच का एक आग्रह पत्र भेजा गया था। इसमें उन मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला दिया गया जिसमें राधिका की मां ने दावा किया है कि वह उनकी जैविक मां नहीं हैं और उन्होंने राधिका को गोद लिया था। फिलहाल जांच एजेंसी को अभी इस तथ्य की जांच करनी बाकी है। इस संबंध में तेलंगाना पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि अभी जांच पूरी नहीं हुई है। पूरी होने पर इस बारे में जानकारी दे दी जाएगी।
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