रोहित के परिजनों ने दिखाए दलित होने के सबूत, स्मृति पर लगाए झूठ के आरोप
रोहित की मां व उसके दोस्त ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रमाणपत्र दिखाते हुए कहा कि वह एससी था। इतना ही नहीं इन लोगों ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर झूठ बोलने का भी आरोप लगाया।
तेलंगाना। हैदराबाद विश्वविद्यालय के शोध छात्र रोहित वेमुला की मां राधिका ने शुक्रवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर संसद में सरासर झूठ बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनके (स्मृति ईरानी) और रोहित की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के लिए उम्र कैद की सजा भी कम होगी।
संवाददाता सम्मेलन में अपने दूसरे बेटे राजा के साथ आईं राधिका ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरानी और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी बंडारू दत्तात्रेय के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की तो भाजपा मिट्टी में मिल जाएगी। राधिका का आरोप है कि बंडारू ने ही रोहित को राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का आरोपी बताते हुए स्मृति ईरानी को कार्रवाई करने के लिए कई पत्र लिखे थे।
राधिका ने कहा, 'ईरानी यह अभिनय करने के लिए छोटा पर्दा नहीं है, यह वास्तविक जीवन है। तथ्यों को सामने लाइये, उनके साथ छेड़छाड़ मत कीजिये।' उन्होंने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआइटी) गठित किए जाने की भी मांग की। जाति संबंधी विवाद पर राधिका ने कहा कि यह सब असली मामले से ध्यान भटकाने का प्रयास है।
स्मृति ने बुधवार को संसद में कहा था कि रोहित के खिलाफ कार्रवाई करने वाली समिति में एक दलित प्रतिनिधि भी था। उनका यह भी कहना था कि फांसी पर लटका पाए जाने पर डॉक्टरों को उसे जिंदा करने का प्रयास भी नहीं करने दिया गया था। हालांकि विश्वविद्यालय के ड्यूटी डॉक्टर ने गुरुवार को ही स्मृति ईरानी के इस दावे को खारिज कर दिया था। रोहित के भाई राजा ने कहा कि वह 8.30 बजे कैंपस में पहुंच गया था। जहां रोहित की बॉडी रखी हुई थी, वहां पुलिस और डॉक्टर भी मौजूद थे।रोहित के दोस्त प्रशांत ने कहा कि देश को गुमराह करने के लिए स्मृति ईरानी को दंडित किया जाना चाहिए। संविधान के तहत संसद में झूठा बयान देना भी एक अपराध है।
प्रशांत ने सवाल किया कि ईरानी ने अपने भाषण में रोहित के 18 दिसंबर को विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर अप्पा राव को लिखे पत्र का जिक्र क्यों नहीं किया। इस पत्र में उसने लिखा था कि अगर विश्वविद्यालय को जरूरत नहीं है तो वह दलित छात्रों को 'रस्सी या सोडियम एजाइड' उपलब्ध करा दें।
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रोहित वेमुला दलित नहीं था: पुलिस
इस बीच तेलंगाना पुलिस ने हाईकोर्ट में कहा है कि रोहित वेमुला दलित नहीं था। सूत्रों के अनुसार पुलिस ने कोर्ट में जो रिपोर्ट दाखिल की है उसमें कहा गया है कि रोहित वेमुला दलित छात्र नहीं था इसलिए उसका मामला एससी/एसटी एक्ट के तहत नहीं आता है।
मालूम हो कि रोहित की आत्महत्या के बाद इस मुद्दे पर जमकर राजनीति हुई थी कि वो एक दलित छात्र था। हालांकि, सरकार और मंत्री लागातार यह कहते रहे कि वो दलित छात्र नहीं था। अब पुलिस की रिपोर्ट में भी इस बात का खुलासा हो गया है।
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