ई- रिक्शा चलने पर सरकार को अवमानना नोटिस
जब अदालत ने 9 सितंबर को ई-रिक्शा के परिचालन पर प्रतिबंध लगा दिया है, तो वे अभी भी सड़कों पर कैसे चल रहे हैं
नई दिल्ली। जब अदालत ने 9 सितंबर को ई-रिक्शा के परिचालन पर प्रतिबंध लगा दिया है, तो वे अभी भी सड़कों पर कैसे चल रहे हैं? यह टिप्पणी करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति वीके शाली की खंडपीठ ने यातायात पुलिस के संयुक्त आयुक्त अनिल शुक्ला और परिवहन आयुक्त सतीश माथुर को अदालत के आदेशों की अवमानना का नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। खंडपीठ ने उनसे पूछा है कि उनके खिलाफ अदालत के आदेशों की अवमानना की कार्रवाई क्यों न की जाए? सभी पक्षों से चार सप्ताह में जवाब मांगा गया है। अब इस मामले में 18 दिसंबर को सुनवाई होगी।
खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुग्रीव दूबे व अधिवक्ता नमिता राय की तरफ से पेश फोटो से साफ जाहिर है कि शहर में ई-रिक्शा चल रहे हैं। पुलिस उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। सबसे ज्यादा ई-रिक्शा चांदनी चौक इलाके में चल रहे हैं। परिवहन विभाग व पुलिस की तरफ से पेश वकील जुबैदा बेगम ने बताया कि आठ अक्टूबर को ड्राफ्ट अधिसूचना जारी कर दी गई थी। जिसके तहत ई-रिक्शा को चलाने की अनुमति दी जानी है। अधिसूचना पर लोगों से आपत्ति मांगी गई है। इसके बाद अंतिम अधिसूचना जल्द जारी कर दी जाएगी।
याचिकाकर्ता शाहनवाज ने दिल्ली पुलिस और परिवहन विभाग के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की मांग की है। उनका कहना है कि ई-रिक्शा पर प्रतिबंध लगने के बाद भी इनका परिचालन हो रहा है। लिहाजा, पुलिस व प्रशासन को निर्देश दिया जाए कि वे इन्हें चलने से रोकें।
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