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    दिल्‍ली में हार के बाद लगे प्रियंका लाओ, देश बचाओ के नारे

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Tue, 10 Feb 2015 12:07 PM (IST)

    दिल्‍ली चुनाव में कांग्रेस और भाजपा को मिली करारी हार से एक ओर जहां राजनीति के जानकार हैरान हैं वहीं इन दोनों ही पार्टियों के लिए यह गहन चिंता का विषय बन गया है। लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा की यह पहली करारी हार है। वहीं भारत के राजनीतिक इतिहास

    नई दिल्ली। दिल्ली चुनाव में कांग्रेस और भाजपा को मिली करारी हार से एक ओर जहां राजनीति के जानकार हैरान हैं वहीं इन दोनों ही पार्टियों के लिए यह गहन चिंता का विषय बन गया है। लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा की यह पहली करारी हार है। वहीं भारत के राजनीतिक इतिहास में किसी पार्टी का का ऐसा जिक्र पहले कभी नहीं हुआ जिसने अपने जन्म से महज दो वर्षों के अंदर इतनी भारी जीत दर्ज की हो। दिल्ली में आप की झाड़ू चली तो विधानसभा में विपक्ष का भी होना नामुमकिन हो गया।

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    जिस तर्ज पर लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने जीत दर्ज की थी और सदन में विपक्ष की जगह ही नहीं बची थी, इस बार भी वही कहानी दोहराई है। फर्क सिर्फ इतना है कि उस वक्त भगवा परचम दिखाई दिया था इस बार उसका रंग बदल गया और झाड़ू चल गई। लेकिन कांग्रेस की लगातार पांचवीं बार उसको तबाह करने के लिए काफी है। कांग्रेस की लगातार हार के बाद उसके कार्यकर्ता न सिर्फ उदास हैं बल्कि बौखलाए भी हुए हैं। अब एक बार फिर से पार्टी में केंद्रीय नेतृत्व को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।

    कांग्रेस मुख्यालय पर पसरा सन्नाटा

    कार्यकर्ताओं ने एक बार फिर से प्रियंका लाओ, देश बचाओ का नारा लगाना शुरू कर दिया है। इस हार के साथ ही दिल्ली में कांग्रेस का चेहरा बने अजय माकन ने पार्अी महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया है। इस हार के बाद पार्टी को न सिर्फ अपनी रणनीति पर दोबारा विचार करना होगा बल्कि केंद्रीय नेतृत्व में बदलाव पर भी दोबारा सोचना होगा। कांग्रेस की हार के पीछे कई ऐसे कारण रहे जिसकी वजह वह आज हाशिए पर चली गर्इ है। इसमें पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व का कमजोर होना भी शामिल है। दरअसल कई अहम मौकों पर कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी पूरी तरह से नदारद दिखाई दिए। वहीं कांग्रेस ने ही सबसे पहले केजरीवाल को भगोड़ा करार देने में सबसे आगे थी।

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