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भाजपा को हराने के चुनावी रण से नहीं भागेगी कांग्रेस

भाजपा को नीचा दिखाने के लिए कांग्रेस दिल्ली में अपनी संभावनाओं पर झाड़ू नहीं फिराएगी। इसीलिए चुनाव में ज्यादा सक्रियता न दिखाकर आम आदमी पार्टी (आप) को मजबूती देने के पार्टी में उठे विचार को शीर्ष नेतृत्व ने जमींदोज कर दिया है। कांग्रेस नेतृत्व ने अजय माकन को चुनाव की

By Sudhir JhaEdited By: Published: Wed, 14 Jan 2015 07:23 PM (IST)Updated: Wed, 14 Jan 2015 07:40 PM (IST)
भाजपा को हराने के चुनावी रण से नहीं भागेगी कांग्रेस

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भाजपा को नीचा दिखाने के लिए कांग्रेस दिल्ली में अपनी संभावनाओं पर झाड़ू नहीं फिराएगी। इसीलिए चुनाव में ज्यादा सक्रियता न दिखाकर आम आदमी पार्टी (आप) को मजबूती देने के पार्टी में उठे विचार को शीर्ष नेतृत्व ने जमींदोज कर दिया है। कांग्रेस नेतृत्व ने अजय माकन को चुनाव की कमान देने के साथ ही अपने सभी दिग्गजों को चुनावी मैदान में पूरी ताकत से झोंकने का एलान किया है।

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कांग्रेस के भीतर अभी भी एक खेमे का मानना है कि केंद्र में मोदी की सरकार बनने के बाद लगातार भाजपा के विजय रथ को रोकने के लिए दिल्ली में उसे खोल में सिमट जाना चाहिए। इससे आम आदमी पार्टी को बहुत फायदा होगा। इस तर्क के मद्देनजर ही पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने भाजपा को रोकने के लिए आप के सहयोग से सरकार बनाने को कहा था। मगर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी टीम ने इस तरह के विचार को सिरे से खारिज कर दिया।

हालांकि, लगातार इस तरह की बातें सामने आ रही थीं कि कांग्रेस का कोई दिग्गज चुनाव लड़ने को ही तैयार नहीं है। राहुल गांधी ने इसे बड़े नेताओं के हार का डर माना। साथ ही उन्होंने साफ कह दिया कि हारने से ज्यादा शर्मनाक न लड़ना है। इसीलिए चुनाव अभियान का चेहरा अपने विश्वस्त अजय माकन को बनाकर पूरी ताकत से चुनाव लड़ने का फैसला किया गया। सूत्रों के मुताबिक, माकन के साथ-साथ दिल्ली के सभी दिग्गजों से चुनाव लड़ने और जो नहीं लड़ रहे हैं, उनसे पूरी ताकत से जुटने को व्यक्तिगत तौर पर कहा गया है।

माकन के लिए तो यह एसिड टेस्ट है ही। कांग्रेस नेतृत्व भी मान रहा है कि मुख्य मुकाबला भाजपा और आप में है। मगर इस मुकाबले में पूरी तरह से गायब होना भविष्य के लिए संकट पैदा कर देगा। कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि हार के बाद भी उसका बड़ा वोट बैंक उसके साथ रहा है। यदि चुनाव से कांग्रेस गायब होती है तो भले ही तात्कालिक तौर पर भाजपा को वह नीचा दिखा सके, लेकिन भविष्य में उसके नतीजे ज्यादा घातक होंगे। इसीलिए अगले दो हफ्ते में कांग्रेस अपने पूरे दल-बल के साथ दिल्ली के चुनाव में गर्मी पैदा करने की कोशिश करेगी।

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