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    राहुल का फरमान सरकार के खिलाफ लिखें कांग्रेस नेता

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Tue, 02 Jun 2015 10:01 PM (IST)

    मोदी सरकार के मुकाबले के लिए खड़ी हो रही कांग्रेस अब मीडिया के जरिये सरकार पर हल्ला बोलने की तैयारी में है। देश के विभिन्न इलाकों में सरकार विरोधी यात्राएं कर रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं से अखबारों में सरकार विरोधी लेख लिखने को कहा है। राहुल

    नई दिल्ली। मोदी सरकार के मुकाबले के लिए खड़ी हो रही कांग्रेस अब मीडिया के जरिये सरकार पर हल्ला बोलने की तैयारी में है। देश के विभिन्न इलाकों में सरकार विरोधी यात्राएं कर रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं से अखबारों में सरकार विरोधी लेख लिखने को कहा है। राहुल का यह फरमान केंद्र के खिलाफ साल भर चलने वाले पार्टी के लंबे रणनीतिक अभियान का हिस्सा बताया जा रहा है। पार्टी इससे पहले केंद्र सरकार को उसकी सालगिरह पर घेरते हुए एक सप्ताह में सवा सौ प्रेस वार्ताओं को सफलतापूर्वक अंजाम दे चुकी है।

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    कांग्रेस उपाध्यक्ष के फरमान के तहत अब पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं को अखबारों में अपनी विशेषज्ञता वाले विषयों पर लेख लिखने होंगे। इसके अलवा उन्हें सरकार के तमाम कार्यक्रमों पर भी पैनी नजर रखनी होगी। टीम राहुल के मुताबिक संप्रग सरकार में मंत्री रहे नेताओं को केंद्र की सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं, विदेश नीति से जुड़े मसलों, रक्षा मामलों व अर्थिक क्षेत्र में सरकार के प्रयासों को लेकर प्रमुख अखबारों में समीक्षात्मक लेख लिखने की जिम्मेदारी दी गई है। पी चिदंबरम, जयराम रमेश जैसे कई नेता पहले भी सरकार को कठघरे में खड़े करते हुए लेख लिखते रहे हैं। लेकिन, अब यह जिम्मेदारी विषय व उसकी जानकारी रखने वाले पार्टी नेताओं को लिखित रूप में भेजी गई है।

    सूत्रों के मुताबिक पार्टी आलाकमान को लगता है कि संप्रग सरकार के दौरान नीतियों को लेकर इन नेताओं की चुप्पी ने भी लोकसभा चुनाव में पार्टी को नुकसान पहुंचाया। ऐसे में अब इन नेताओं को उनकी सरकार के दौरान सामाजिक क्षेत्र में हो रहे कार्यो व वर्तमान सरकार के गलत पड़ रहे कदमों को जनता के सामने ले जाने की चुनौती है। इससे पहले राहुल ने एनएसयूआई के एक कार्यक्रम में सरकार पर गलतियों पर गलतियां करने का आरोप लगाया था।

    टीम राहुल के एक सदस्य के मुताबिक, ''नई सरकार ने जिस तरह से सामाजिक क्षेत्र के बजट में कमी की है और आर्थिक मोर्चे पर जिस रफ्तार से चल रही है। उसे जनता के सामने लाने में और पिछले कुछ समय में हमसे छिटक गए कॉरपोरेट जगत को समझाने में हमें सफलता मिल जाए तो लोकसभा में सीमित संख्याबल के बावजूद हम परिस्थितियों को बदल सकते हैं।'' टीम राहुल के एक अन्य सदस्य व पूर्व सरकार में बेहद महत्वपूर्ण मंत्रालय में मंत्री रहे नेता के मुताबिक, ''राजनीतिक धारणा की लड़ाई का मामला है। धारणा बनाने में मीडिया बेहद अहम रोल अदा करता है। मोदी की सफलता में इस समझ का बड़ा योगदान है। अब जब उनका सच उजागर हो रहा है, उम्मीद है हमारा प्रयास रंग लाएगा।''

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