कांग्रेस दोनों चुनावों के लिए तैयार तो वामदलों ने जताया विरोध
कांग्रेस लोकसभा, विधानसभा चुनावों का सामना एक साथ करने को तैयार है। माकपा का कहना है कि सरकार को ऐसा करने का हक नहीं है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी टीम लोकसभा व विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए कमर कस रही है, लेकिन इसे लेकर राजनीतिक दलों में एक राय नहीं है। कांग्रेस दोनों चुनावों का सामना एक साथ करने को तैयार है। उधर, वाम दलों ने लोकसभा व विधानसभा चुनाव एक साथ कराने पर विरोध जताया है। माकपा नेता वृंदा करात का कहना है कि सरकार को ऐसा करने का हक नहीं है। यह एक राजनीतिक फैसला है और भाजपा इसे अकेले नहीं कर सकती है। उनका कहना है कि हर विधानसभा का कार्यकाल पांच साल के लिए तय होता है। मोदी लोकतंत्र में मनमानी नहीं कर सकते।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि उनकी पार्टी समय पूर्व चुनाव के लिए तैयार है। जनता मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने का मन बना चुकी है और ये बात चुनाव से साबित हो जाएगी। मीडिया से बातचीत में सुरजेवाला ने कहा कि लोग अभी तक इंतजार कर रहे हैं कि अच्छे दिन कब आएंगे। मोदी की जुमलेबाजी से आम जन बुरी तरह से परेशान हो चुका है और इसका पता केंद्र सरकार को चुनाव में लग जाएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इस बात का अंदाजा नहीं है कि लोकसभा व विधानसभा चुनाव एक साथ होने जा रहे हैं। उनका कहना था कि इसकी जानकारी चुनाव आयोग के पास जरूर होगी। लेकिन कांग्रेस हर स्थिति में चुनाव के लिए तैयार है। भाजपा का वो ही हश्र होने वाला है जैसे 2004 में हुआ था। तब इंडिया शाइनिंग व फील गुड के जुमले की लोगों ने हवा निकाल दी थी। सुरजेवाला ने कहा कि अर्थ व्यवस्था का जो हाल है उससे देश का हर नागरिक परेशान है। सरकार हर मोर्चे पर विफल है और जुमलेबाजी करके लोगों को बहलाना चाहती है।
गौरतलब है कि बुधवार को चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने भोपाल में कहा था कि सितंबर 2018 तक आयोग संसाधनों से लैस हो जाएगा और तब लोकसभा व विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जा सकेंगे। एक दिन पहले ही केंद्र सरकार ने इस बाबत चुनाव आयोग से जवाब तलब किया था कि दोनों चुनाव एक साथ कराने के लिए उसे किन संसाधनों की जरूरत है।