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अखिलेश संग प्रचार की तैयारी में कांग्रेस, गठबंधन को लेकर बढ़ी उम्मीद

पार्टी हलकों से मिल रहे संकेतों के अनुसार अखिलेश की अगुवाई वाली सपा से चुनावी तालमेल की घोषणा होने के तत्काल बाद संयुक्त प्रचार अभियान की योजना भी तय हो जाएगी।

By Manish NegiEdited By: Published: Sat, 14 Jan 2017 07:38 PM (IST)Updated: Sun, 15 Jan 2017 10:43 AM (IST)
अखिलेश संग प्रचार की तैयारी में कांग्रेस, गठबंधन को लेकर बढ़ी उम्मीद

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। उत्तरप्रदेश में चुनावी तैयारियों को सिरे चढ़ा रहे कांग्रेस के रणनीतिकार मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ चुनावी तालमेल तय मान पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के प्रचार अभियान को लेकर भी मंथन करने लगे हैं। इस क्रम में राहुल और अखिलेश के एक मंच से संयुक्त प्रचार अभियान की रूपरेखा भी बनाई जा रही है।

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पार्टी हलकों से मिल रहे संकेतों के अनुसार अखिलेश की अगुवाई वाली सपा से चुनावी तालमेल की घोषणा होने के तत्काल बाद संयुक्त प्रचार अभियान की योजना भी तय हो जाएगी। फिलहाल प्रचार अभियान की बनाई जा रही योजना में राहुल और अखिलेश की चार से पांच संयुक्त रैली की रूपरेखा पर मंथन चल रहा है। ताकि प्रदेश के सभी क्षेत्रों पूर्वाचल, अवध, बुंदेलखंड, पश्चिमी उप्र के साथ लखनऊ में दोनों को एक साथ मंच पर उतरने का मौका मिले।

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चूंकि चुनाव कार्यक्रम के एलान के बाद अब सभी विधानसभा क्षेत्रों में बड़े नेताओं के जाने की गुंजाइश ज्यादा नहीं है। इसलिए कांग्रेस के रणनीतिकार प्रचार अभियान की रूपरेखा इस बात का ध्यान रखते हुए तैयार करना चाहते हैं कि प्रदेश के सभी क्षेत्रों को दोनों की चार-पांच संयुक्त रैलियों से कवर किया जा सके।

प्रचार अभियान पर शुरू हुई इस कसरत में चौतरफा प्रियंका गांधी और डिंपल यादव के एक साथ मंच पर आने की लगाई जा रही अटकलों पर कांग्रेस में चुप्पी है। पार्टी सूत्रों के अनुसार अभी तक इन दोनों के संयुक्त प्रचार में साथ आने जैसी न किसी योजना पर चर्चा हुई है और न ही हाईकमान की ओर से ऐसा कोई संकेत ही आया है। हालांकि इलाहाबाद से लेकर लखनऊ तक में डिंपल और प्रियंका की एक साथ तस्वीर वाले पोस्टर कुछ उत्साही कांग्रेसियों की ओर से लगाए जाने लगे हैं।

इसकी वजह से अचानक प्रदेश के कांग्रेस कैंप में उत्सुकता और हलचल बढ़ गई है। मगर इन पोस्टरों को पार्टी के रणनीतिकार फिलहाल कार्यकर्ताओं की तालमेल के मद्देनजर उम्मीद और उत्साह से ज्यादा नहीं आंक रहे। सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन की स्थिति साफ होने के बाद ही दोनों के प्रचार अभियान में शिरकत करने जैसे किसी प्रस्ताव की तस्वीर स्पष्ट होगी।

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