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    सर्जिकल स्ट्राइक पर रक्षा मामलों की समिति में सीमित ब्रीफिंग से कांग्रेसी नाखुश

    By Rajesh KumarEdited By:
    Updated: Fri, 14 Oct 2016 09:35 PM (IST)

    समिति की बैठक शुरू होने के साथ ही कांग्रेस सदस्यों की मांग पर उप सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर एक संक्षिप्त बयान दिया।

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    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गुलाम कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर राजनीतिक स्तर पर विवाद खत्म नहीं हो रहा है। रक्षा मंत्रालय से संबंधित संसदीय समिति में शामिल कांग्रेस सदस्यों के खुले एतराज के बाद शुक्रवार को हुई बैठक में उप सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत ने सांसदों से सर्जिकल स्ट्राइक पर सिर्फ उतनी ही जानकारी साझा की जिनका सेना ने अब तक आधिकारिक खुलासा किया है। कार्रवाई का विस्तृत ब्योरा नहीं दिए जाने और सवाल पूछने से रोके जाने से नाराज कांग्रेस सदस्यों की संसदीय समिति के अध्यक्ष व भाजपा नेता बीसी खंडूरी से तीखी नोंक-झोंक भी हुई।

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    बैठक में शामिल एक सदस्य के मुताबिक, समिति की बैठक शुरू होने के साथ ही कांग्रेस सदस्यों की मांग पर उप सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर एक संक्षिप्त बयान दिया। इसके बाद कांग्रेस सांसद मधुसूदन मिस्त्री और अंबिका सोनी उनसे सवाल पूछने लगे। खंडूरी ने कांग्रेस सांसदों को यह कहते हुए सवाल पूछने से रोक दिया कि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा बेहद संवेदनशील मामला है। इस बैठक में ऐसी कोई जानकारी साझा नहीं की जा सकती जो देश की सुरक्षा के लिहाज से उचित नहीं है।

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    मिस्त्री ने इस पर असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में केवल उतनी ही जानकारी दी गई है जो पहले ही मीडिया में आ चुकी है। मिस्त्री सर्जिकल ऑपरेशन को अंजाम देने वाले सेना के स्पेशल फोर्स के पास हथियारों और गोला-बारूद की कमी का मसला भी उठाना चाहते थे। मगर खंडूरी ने किसी को भी सर्जिकल ऑपरेशन पर कोई प्रश्न नहीं पूछने दिया। बैठक के बाद खुद खंडूरी ने कहा भी, सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर कोई भी संवेदनशील सूचना सदस्यों से साझा नहीं की गई है।

    बता दें कि समिति की बैठक का एजेंडा बदले जाने पर गुरुवार को खुली नाराजगी जाहिर करते हुए अंबिका सोनी और मधुसूदन मिस्त्री ने कहा था कि सरकार का यह कदम सांसदों पर अविश्वास करने के समान है। इस बैठक में सर्जिकल ऑपरेशन के मसले पर चर्चा होनी थी मगर सुरक्षा कारणों और इसकी संवेदनशीलता को देखते हुए इसे एजेंडे से हटा दिया गया था।

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    रक्षा मंत्रालय ने इसकी जगह सैनिकों के डाक के जरिये मतदान में शामिल होने के विषय को चर्चा के लिए रखा। इसी पर कांग्रेस सदस्यों को एतराज था। इसी कारण उप सेना प्रमुख के जरिये शुक्रवार को सर्जिकल ऑपरेशन की जानकारी सदस्यों को दी गई। मिस्त्री और अंबिका ने खंडूरी से कहा कि समिति की चर्चा का एजेंडा आखिरी क्षणों में बदलना सही नहीं है। इसे लेकर उन्होंने खंडूरी को पत्र भी लिखा है। लेकिन, खंडूरी ने उनका पत्र नहीं मिलने और मीडिया से उनके कदम की जानकारी होने की बात कही।