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    सांप्रदायिकता के खिलाफ लोकसभा में सरकार को घेरेगी कांग्रेस!

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    Updated: Wed, 13 Aug 2014 02:04 PM (IST)

    आज लोकसभा में सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ बहस होगी। पिछले कुछ दिनों से ऐसा देखने में आया है कि सांप्रदायिक घटनाओं लेकर कांग्रेस हमलावर हुई है और वो इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती। इस मुद्दे पर सबसे पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार को लोकसभा में घेरा।

    नई दिल्ली। आज लोकसभा में सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ बहस होगी। पिछले कुछ दिनों से ऐसा देखने में आया है कि सांप्रदायिक घटनाओं लेकर कांग्रेस हमलावर हुई है और वो इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती। इस मुद्दे पर सबसे पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार को लोकसभा में घेरा। इसके बाद मंगलवार को सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी राज में सांप्रदायिक हिंसा बढ़ी है। कुछ ऐसे ही आरोप पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी लगाए। उन्होंने कहा कि बीजेपी सूबे का सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ रही है।

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    खबर है कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में दोनों ने सांप्रदायिक हिंसा पर चर्चा की मांग की। सूत्रों के मुताबिक सुमित्रा महाजन ने इन नेताओं की मांग मान ली है और आज इस पर चर्चा संभव है।

    मोदी सरकार को अभी दो महीने से कुछ ही ज्यादा वक्त बीता। लेकिन कांग्रेस उसे कटघरे में खड़ा करने का कोई मौका जाने नहीं देना चाहती। बीजेपी पर वार का हथियार पुराना है। यानी सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप। लेकिन अब इस हथियार पर शान कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व चढ़ा रहा है।

    कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केरल के तिरुअनंतपुरम में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि नई सरकार बनने के 11 हफ्तों के अंदर देश में खासकर यूपी और महाराष्ट्र में सांप्रदायिक हिंसा के मामले तेजी से बढ़े हैं। बेहद कम समय के अंदर सांप्रदायिक हिंसा के 600 मामले यूपी, महाराष्ट्र समेत कुछ अन्य राज्यों में सामने आए हैं।

    इससे पहले राहुल गांधी भी संसद में सांप्रदायिकता का मुद्दा उठा चुके हैं। कांग्रेस लोकसभा में नेता विपक्ष का पद भले ना हासिल कर सकी हो पर कोशिश यही है कि जनता के बीच दमदार विपक्ष की भूमिका निभाने का संदेश जाए। यही वजह है कि सांप्रदायिकता पर चर्चा की मांग को राहुल लोकसभा में सांसदों संग वेल में उतर आए।

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