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    राहुल के बयान पर भाजपा-कांग्रेस में भिड़ंत

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    Updated: Sun, 10 Aug 2014 08:00 AM (IST)

    देश खासकर उत्तर प्रदेश में जानबूझ कर सांप्रदायिक माहौल पैदा करने संबंधी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के आरोप के बाद सियासी माहौल गरमा गया है। कौन सबसे बड़ा सांप्रदायिक है, इसको लेकर भाजपा और कांग्रेस में भिड़ंत तेज हो गई है। भाजपा ने कहा है कि उप्र में जो कुछ भी हो रहा है, उसके लिए को

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    नई दिल्ली। देश खासकर उत्तर प्रदेश में जानबूझ कर सांप्रदायिक माहौल पैदा करने संबंधी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के आरोप के बाद सियासी माहौल गरमा गया है। कौन सबसे बड़ा सांप्रदायिक है, इसको लेकर भाजपा और कांग्रेस में भिड़ंत तेज हो गई है।

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    भाजपा ने कहा है कि उप्र में जो कुछ भी हो रहा है, उसके लिए कोई और नहीं, सिर्फ कांग्रेस ही जिम्मेदार है। उसने केंद्र में अपनी सरकार चलाने के लिए सपा का समर्थन लिया था। जबकि कांग्रेस का कहना है कि जब से केंद्र में भाजपा की सरकार बनी है, उस समय से ही धार्मिक धु्रवीकरण के लिए सांप्रदायिक उन्माद भड़काने की कोशिश हो रही है।

    दरअसल एक अखबार से साक्षात्कार में राहुल गांधी ने भाजपा का नाम लिए बगैर कहा था कि देश खासकर उत्तर प्रदेश में जानबूझ कर सांप्रदायिक संघर्ष की स्थिति पैदा की जा रही है। यह गरीबों को बांटने और भाई को भाई से लड़ाने की रणनीति का हिस्सा है। ताकि लोग असमानता, गरीबी और अवसर के अभाव जैसे असली दुश्मन से नहीं लड़ सकें ।

    कांग्रेस उपाध्यक्ष के इस बयान पर भाजपा आक्रामक है। पार्टी की ओर से केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना है, 'सियासी फायदे के लिए कांग्रेस देश में सांप्रदायिक तनाव पैदा करना चाहती है। इसके लिए वह संसद के दोनों सदनों में लगातार सांप्रदायिकता को लेकर हो हल्ला मचाती रहती है।' उनके अनुसार, 'राहुल के बयान को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही कह चुके हैं कि लोगों को यह तय करना है कि वह गरीबी से लड़ेंगे या फिर हिंदू-मुस्लिम एक-दूसरे से लड़ेंगे। हमारा सपना सबको साथ लेकर चलने का है।' बकौल जावड़ेकर, 'मैं राहुल के बयान की निंदा करता हूं क्योंकि उसमें से सांप्रदायिक सोच की बू आती है।' भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कथित धर्मनिरपेक्षता की राजनीति का जमाना अब लद गया है। राहुल गांधी पिटे हुए फार्मूले का इस्तेमाल बंद करें। लेकिन कांग्रेस ने राहुल गांधी के बयान का बचाव किया है।

    पार्टी महासचिव शकील अहमद का कहना है, 'राहुल का बयान सौ फीसद सही है। पूरा देश उत्तर प्रदेश में जारी घृणा की राजनीति से वाकिफ है। लोगों के बीच मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, सहारनपुर की तरह के संघर्ष पैदा करने की जानबूझ कर कोशिश हो रही है। यूपी को दंगों की आग में झोंकने की साजिश हो रही है।' कांग्रेस नेता रीता बहुगुणा जोशी के अनुसार, 'राहुल गांधी ने सच बोला है। भाजपा के लोग सत्ता के लालची हैं। नरेंद्र मोदी और संघ परिवार ने विभाजनकारी राजनीति के बूते सत्ता पर कब्जा कर लिया है।' पार्टी के एक अन्य नेता राशिद अल्वी का कहना है कि पूरे देश को गुजरात बनाने की साजिश हो रही है। उप्र को इसके लिए बतौर प्रयोगशाला इस्तेमाल किया जा रहा है।

    'अगर कोई पार्टी सांप्रदायिक है तो वह एकमात्र कांग्रेस ही है। इस पार्टी का मुस्लिम लीग से गठबंधन है। हैदराबाद में इन्होंने एमआइएम से गठजोड़ कर रखा है। उप्र में जो कुछ हो रहा है, उसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार है।'

    -प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय मंत्री

    'जब से भाजपा सत्ता में आई है तब से सरकार सियासी फायदे के लिए धार्मिक धु्रवीकरण को बढ़ावा देने में जुटी है। उत्तर प्रदेश में उन दस-बारह जगहों पर ऐसी स्थिति उत्पन्न की जा रही है, जहां विधान सभा उपचुनाव होने हैं।'

    -मनीष तिवारी, नेता कांग्रेस

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