Move to Jagran APP

जानिए! हाजी अली में महिलाओं के प्रवेश पर क्यों है रोक? क्या है दरगाह का इतिहास?

हाजी अली दरगाह पर जाने को लेकर ट्रस्ट और तृप्ति देसाई के बीच विवाद बढ़ गया है। 1431 में बनी हाजी अली की दरगाह पर 2011 तक महिलाएं प्रवेश करती रही हैं।

By Atul GuptaEdited By: Published: Thu, 28 Apr 2016 11:06 AM (IST)Updated: Thu, 28 Apr 2016 11:25 AM (IST)
जानिए! हाजी अली में महिलाओं के प्रवेश पर क्यों है रोक? क्या है दरगाह का इतिहास?

नई दिल्ली। मुंबई में हाजी लगी दरगाह के गर्भग्रह में महिलाओं के प्रवेश की इजाजत को लेकर तृप्ति देसाई और हाजी अली ट्रस्ट के लोगों के बीच विवाद खड़ा हो गया है। दरगाह मैनेजमेंट का कहना है कि शरिया कानून के मुताबिक महिलाओं का कब्रों पर जाना गैर इस्लामी है, हालांकि साल 2011 तक महिलाएं हाजी अली दरगाह में प्रवेश करती रहीं हैं लेकिन 2011 के बाद से दरगाह में महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। यही नहीं मुंबई में 20 में से 7 दरगाहों पर महिलाओं का प्रवेश प्रतिबंधित है। जिस हाजी अली दरगाह पर प्रवेश को लेकर विवाद हो रहा है आइए हम आपको उसका इतिहास बताते हैं।

loksabha election banner

छोटे से टापू पर बनी है हाजी अली की दरगाह

हाजी अली एक मस्जिद और दरगाह है जोकि मुंबई के वर्ली में समुंद्र तट से करीब 500 मीटर अंदर एक छोटे से टापू पर बनी हुई है। इस दरगाह की भीतर मुस्लिम संत सैयद पीर हाजी अली शाह बुखारी की कब्र है।

1431 में बनाई गई थी दरगाह

शायद ये दुनिया में अपनी तरह की पहली ऐसी दरगाह है जोकि समुद्र के टापू पर स्थित है। इस दरगाह का निर्माण सन 1431 में एक मुस्लिम व्यापारी ने सैयद पीर हाजी अली शाह बुखारी की याद में कराया था। हाजी अली मूल रूप से पर्शिया के बुखारा के रहने वाले थे जोकि अब उजबेकिस्तान में आता है। हाजी अली पूरी दुनिया की सैर करते हुए 15वीं शताब्दी में भारत आए थे और उन्होंने यहीं पर इस्लाम के प्रचार प्रसार में अपना जीवन समर्पित कर दिया था। बताया जाता है कि हाजी अली ने कभी शादी नहीं की।

पीर हाजी अली शाह अपने अंतिम समय तक लोगों और श्रृद्धालुओं को इस्लाम के बारे में ज्ञान बांटते रहे। अपनी मौत के पहले उन्होंने अपने अनुयायियों से कहा कि वे उन्हें कहीं दफ्न न करें और उनके कफन को समंदर में डाला जाए। उनकी अंतिम इच्छा पूरी की गई और ये दरगाह शरीफ़ उसी जगह है जहां उनका कफ़न समंदर के बीच एक चट्टान पर आकर रुक गया था।

पढ़ें- हाजी अली जाएंगी तृप्ति देसाई, दरगाह की सुरक्षा बढ़ाई गई


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.