राहुल-सोनिया कबूलेंगे हार, मुख्यालय में मीडिया से करेंगे खुलकर बात
एक्जिट पोल के नतीजों के आधार पर कांग्रेस नेतृत्व ने फैसला किया है कि वह पूरी खेल भावना के साथ हार को सिर माथे लेगा। पार्टी ने चुनाव नतीजों की कवरेज के लिए मुख्यालय में न सिर्फ पहली बार शानदार इंतजाम किए हैं, बल्कि यह भी तय किया है कि खुद सोनिया व राहुल गांधी यहां आकर खुलकर बात करेंगे। कांग्रेस लोकसभा क
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एक्जिट पोल के नतीजों के आधार पर कांग्रेस नेतृत्व ने फैसला किया है कि वह पूरी खेल भावना के साथ हार को सिर माथे लेगा। पार्टी ने चुनाव नतीजों की कवरेज के लिए मुख्यालय में न सिर्फ पहली बार शानदार इंतजाम किए हैं, बल्कि यह भी तय किया है कि खुद सोनिया व राहुल गांधी यहां आकर खुलकर बात करेंगे।
कांग्रेस लोकसभा का यह महायुद्ध संभावित तौर पर भले हार गई हो, लेकिन हमेशा के लिए अपने हथियार नहीं रख छोड़ना चाहती है। हार की तेज होती दस्तक के बावजूद अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बनाए रखने के लिए पार्टी हर उपाय में जुट गई है। राजधानी दिल्ली में अशोक रोड पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुख्यालय में तो शुक्रवार को मतगणना के साथ ही जश्न की जोरदार तैयारी चल रही है, मगर बगल के अकबर रोड को इस बार सूना नहीं छोड़ा गया। सभी चैनलों के एक्जिट पोल का सिरे से बायकाट कर चुकी कांग्रेस ने तय किया है कि नतीजों के दौरान उसके सभी प्रवक्ता लगातार उपलब्ध रहेंगे।
भाजपा इस मौके पर अपने यहां पत्रकारों के लिए एसी पंडाल में मिष्ठान व चाय-नाश्ते के साथ अलग-अलग केबिन, इंटरनेट व विशालकाय टीवी स्क्रीन आदि की सुविधाओं का इंतजाम कर माहौल में भव्यता का भाव लाने में जुटी है, लेकिन हमेशा सादगी पर जोर देने वाली कांग्रेस ने भी इस बार पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों की सुविधा के लिए पहली बार एयरकंडीशंड पंडाल बनवाए हैं। साथ ही, उनकी छोटी-मोटी जरूरतों का ख्याल भी रखा जाएगा।
आमतौर पर चुनाव नतीजों के दिन हारने वाली पार्टी के नेता ढूंढ़े नहीं मिलते व जनमत का सम्मान करने जैसे एक-आध जुमले बोलकर निकल लेते हैं। मगर कांग्रेस ने यह भी तय किया है कि नतीजे जितने भी बुरे हों, खुद सोनिया गांधी व राहुल गांधी सामने आकर इसे स्वीकारेंगे। इस दिन पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से उनकी चर्चा की व्यवस्था की गई है।
राहुल पर आंच नहीं आने देंगे प्रवक्ता
पार्टी ने तय किया है कि चुनाव में कांग्रेस की दुर्दशा के लिए सारा दोष चुपके से अपनी ही सरकार पर मढ़ दिया जाएगा, ताकि पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर इसकी आंच न आए। चुनाव नतीजों पर बात करने के लिए प्रवक्ताओं को बृहस्पतिवार को ही विस्तार से पार्टी की लाइन समझा दी जाएगी।
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