Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'साथी हाथ बढ़ाना' की तर्ज पर चलेगा स्वच्छता मिशन

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता मिशन को हाथों हाथ लिया जा रहा है। बापू की 150वीं जयंती तक इस अभियान को पूरा करने में केंद्र के आधा दर्जन से अधिक मंत्रालयों के साथ कारपोरेट सेक्टर, घरेलू व विदेशी गैर सरकारी संगठनों ने हाथ मिलाना शुरू कर दिया है। केंद्र के साथ राज्यों की सहभागिता भी बराबर की होगी।

    By vivek pandeyEdited By: Updated: Tue, 07 Oct 2014 08:21 PM (IST)

    नई दिल्ली (सुरेंद्र प्रसाद सिंह)।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता मिशन को हाथों हाथ लिया जा रहा है। बापू की 150वीं जयंती तक इस अभियान को पूरा करने में केंद्र के आधा दर्जन से अधिक मंत्रालयों के साथ कारपोरेट सेक्टर, घरेलू व विदेशी गैर सरकारी संगठनों ने हाथ मिलाना शुरू कर दिया है। केंद्र के साथ राज्यों की सहभागिता भी बराबर की होगी। स्वच्छता व पेयजल मंत्रालय ने कार्य योजना को अंतिम रूप दे दिया है। 'साथी हाथ बढ़ाना' की तर्ज पर इस अभियान को चलाने की तैयारी है। प्रधानमंत्री मोदी ने पक्ष व विपक्ष सभी को इस मिशन में सहभागी होने का न्योता दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पेयजल व स्वच्छता मंत्रालय के साथ ग्रामीण विकास, शहरी विकास, पर्यावरण, मानव संसाधन विकास, महिला व बाल विकास व कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने साझा अभियान शुरू किया है। सरकारी व निजी क्षेत्र की कंपनियों का सहयोग लिया जाएगा। कारपोरेट सेक्टर के सामाजिक सरोकार (सीएसआर) की धनराशि का उपयोग भी इन पांच सालों में स्वच्छता अभियान पर खर्च किया जाएगा। देसी व विदेशी गैर सरकारी संगठनों ने भी प्रधानमंत्री मोदी के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना शुरू कर दिया है।

    सरकारी स्कूलों में शौचालय बनाने और खराब पड़े शौचालयों की मरम्मत के लिए मानव संसाधन मंत्रालय ने कारगर पहल कर दी है। मंत्रालय की साइट पर शौचालय विहीन विद्यालयों की सूची डाल रखी है। इसके लिए एनजीओ और सीएसआर की मदद ली जा रही है। स्कूलों के अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों और सामूहिक शौचालय बनाने के लिए सांसद व विधायक निधि का उपयोग किया जाएगा। केंद्र सरकार ने इसके लिए सभी जनप्रतिनिधियों को पत्र भेजकर अपील की गई है। आम तौर पर सभी लोगों ने इस नेक काम के लिए हामी भर दी है।

    ब्लॉक स्तर पर स्वच्छता के लिए जनजागरण कार्यकर्ता तैयार किये जाएंगे, जबकि ग्राम पंचायत स्तर पर 'स्वच्छता दूत' नियुक्त किए जाएंगे। गांव के स्तर पर प्रधान और सरपंचों ने भी रुचि दिखाई है। सभी लोगों ने अपने दायित्वों के तहत निर्धारित समय सीमा में स्वच्छता अभियान को पूरा करने की प्रतिबद्धता जताई है।

    पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के निर्मल भारत अभियान को स्वच्छता मिशन में शामिल कर लिया गया है। पेयजल व स्वच्छता मंत्रालय की प्रस्तावित कार्य योजना के मुताबिक इस अभियान में सरकारी मंत्रालयों, निजी क्षेत्रों और घरेलू-विदेशी गैर सरकारी संगठनों के साथ सभी राजनीतिक दलों की सहभागिता निर्धारित की गई है। प्रधानमंत्री ने इसे पहले ही जन अभियान बनाने की घोषणा की है। यही कारण है कि हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान अपने भाषण में मोदी स्वच्छता मिशन में सभी को शामिल करने की अपील करना नहीं भूलते हैं।

    पढ़ें : चौराहों पर ही शर्मसार हो रहा शहर

    पढ़ें : मोदी का सफाई अभियान सिर्फ सियासी ड्रामा : शरद