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    'मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं', भगवान विष्णु की मूर्ति पर टिप्पणी को लेकर हुआ विवाद तो CJI गवई क्या बोले?

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 04:50 PM (IST)

    मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने भगवान विष्णु की मूर्ति के पुनर्निर्माण पर सोशल मीडिया पर हुई आलोचना पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वो सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। न्यायालय ने खजुराहो मंदिर परिसर में भगवान विष्णु की मूर्ति के पुनर्निर्माण की याचिका खारिज कर दी थी जिसके बाद सोशल मीडिया पर कई आलोचनात्मक पोस्ट प्रकाशित हुईं।

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    देश के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने भगवान विष्णु की मूर्ति के पुनर्निर्माण से जुड़े एक मामले में की गई टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल हो गया है। अब सीजेआई ने कहा है कि वो सभी धर्मों को सम्मान करते हैं।

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    उन्होंने कहा, "किसी ने मुझे कल बताया कि मेरी ओर से की गई टिप्पणियों को सोशल मीडिया पर प्रचारित किया गया है। मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं।" मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने 16 मई को मध्य प्रदेश में यूनेस्को विश्व धरोहर खजुराहो मंदिर परिसर के एक हिस्से, जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की सात फीट ऊंची मूर्ति के पुनर्निर्माण और पुनः स्थापना के निर्देश देने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी।

    क्या कहा था सीजेआई गवई ने?

    इस याचिका को "प्रचार हित याचिका" करार देते हुए, मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "यह विशुद्ध रूप से प्रचार हित याचिका है... जाकर स्वयं भगवान से कुछ करने के लिए कहो। यदि आप कह रहे हैं कि आप भगवान विष्णु के प्रबल भक्त हैं, तो आप प्रार्थना करें और थोड़ा ध्यान करें।"

    मुख्य न्यायाधीश ने कहा था, "इस बीच, यदि आप शैव धर्म के विरोधी नहीं हैं तो आप वहां जाकर पूजा कर सकते हैं... वहां शिव का एक बहुत बड़ा लिंग है, जो खजुराहो में सबसे बड़ा है।"

    याचिका पर विचार करने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

    पीठ ने राकेश दलाल की ओर दायर याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था, जिसमें छतरपुर जिले के जावरी मंदिर में क्षतिग्रस्त मूर्ति को बदलने और उसकी प्राण प्रतिष्ठा करने की मांग की गई थी। मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर कई आलोचनात्मक पोस्ट प्रकाशित हुईं।

    सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, "मैं पिछले 10 वर्षों से सीजेआई को जानता हूं, यह भी गंभीर है, हम न्यूटन के नियम को जानते थे कि प्रत्येक क्रिया की समान प्रतिक्रिया होती है... अब प्रत्येक क्रिया पर सोशल मीडिया पर असमानुपातिक प्रतिक्रिया होती है।" विधि अधिकारी ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश ने सभी धार्मिक स्थलों का दौरा किया है।

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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