CJI गवई ने भगवान बुद्ध की जन्मस्थली के किए दर्शन, लंबिनी के मायादेवी मंदिर परिसर में जलाया दीप
भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई ने लुंबिनी में भगवान गौतम बुद्ध की जन्मस्थली का दौरा किया और पूजा अर्चना की। मायादेवी मंदिर में उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर विश्व शांति की कामना की। मुख्य न्यायाधीश ने लुंबिनी विकास कोष के मास्टर प्लान की जानकारी ली और नेपाल के प्रयासों की सराहना की।

जागरण संवाददाता, महाराजगंज। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई ने शनिवार को भगवान गौतम बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी का भ्रमण कर पूजा अर्चना की। न्यायमूर्ति गवई ने मायादेवी मंदिर परिसर में जाकर बुद्ध की जन्मस्थली का दर्शन कर सूत्रपाठ किया। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर विश्व शांति, मानव कल्याण और भारत-नेपाल संबंधों को और मजबूत बनाने की कामना की।
मुख्य न्यायाधीश का पद संभालने के बाद यह उनकी पहली नेपाल यात्रा है। लुंबिनी पहुंचने पर विकास कोष के उपाध्यक्ष डा. ल्हारक्याल लामा, सचिव सानुराजा शाक्य, कार्यकारी सदस्य श्याम रोक्का, वरिष्ठ प्रशासन प्रमुख ज्ञानिन राई सहित मंदिर प्रशासन से जुड़े अन्य अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।
इस दौरान उन्होंने लुंबिनी विकास कोष के मास्टर प्लान और वर्तमान निर्माण कार्यों की जानकारी ली। गवई ने नेपाल द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और भरोसा दिलाया कि भारत का सहयोग आगे भी जारी रहेगा।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष डा. लामा ने उन्हें भगवान बुद्ध की प्रतिमा भेंट की। लुंबिनी विकास कोष के उपाध्यक्ष ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि भारत के मुख्य न्यायाधीश की इस यात्रा से लुंबिनी के धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन महत्व को और ऊंचाई मिलेगी।
मुख्य न्यायाधीश नेपाल की राजधानी काठमांडू में शुक्रवार को आयोजित भारत-नेपाल न्यायिक वार्ता में प्रतिभाग करने के बाद लुंबिनी पहुंचे थे। इस संवाद में दोनों देशों के न्यायाधीशों व न्यायविदों ने न्याय क्षेत्र की चुनौतियों और उसके समाधान पर विचार-विमर्श किया।
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