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    सीमा बदलने की कोशिश कर रहा चीन, एंटनी आज देंगे बयान

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    Updated: Fri, 06 Sep 2013 10:47 AM (IST)

    नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। वास्तविक नियंत्रण रेखा [एलएसी] बदलने की चीन की कोशिशों का मामला गुरुवार को संसद में गूंजा। विपक्ष के तीखे सवालों के बाद सरका ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। वास्तविक नियंत्रण रेखा [एलएसी] बदलने की चीन की कोशिशों का मामला गुरुवार को संसद में गूंजा। विपक्ष के तीखे सवालों के बाद सरकार ने आश्वासन दिया कि रक्षा मंत्री एके एंटनी शुक्रवार को इस मामले पर सदन में बयान देंगे। दरअसल, लद्दाख दौरे के बाद उजागर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष श्याम सरन की रिपोर्ट में चीन की सेना द्वारा एलएसी पर भारत को गश्त से रोकने की बात कही गई है।

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    पढ़ें : भारत-चीन के बीच तनाव रोकने को विकसित होगा तंत्र

    भाजपा नेता और पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने गुरुवार को लोकसभा में यह मामला उठाते हुए कहा, 'इस संबंध में कई तरह की रपट सामने आ रही हैं। सदन को भरोसे में लेते हुए स्थिति स्पष्ट की जानी चाहिए।' प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के आदेश पर पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन के चीन से लगी सीमा के दौरे के बाद दी गई रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, 'मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक चीनी सेना भारत को एलएसी पर गश्त नहीं करने दे रही है। चीन हमारी जमीन हड़प रहा है और संसद को इसकी सही जानकारी ही नहीं। यह स्पष्ट होना चाहिए कि आखिर कितनी जमीन चीन के कब्जे में है।'

    इस पर विपक्षी सांसदों के हंगामे के बाद संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने कहा कि वह रक्षा मंत्री को सदन की भावना से अवगत करा देंगे और उनसे आग्रह करेंगे कि इस बारे में सदन में यथाशीघ्र बयान दें। बाद में उन्होंने स्पष्ट किया कि रक्षा मंत्री शुक्रवार दोपहर 1 बजे से पहले ही बयान देंगे।

    महत्वपूर्ण है कि श्याम सरन ने हाल में सीमांत इलाकों का दौरा कर सरकार को दी रिपोर्ट में कहा है कि चीन की सेना लद्दाख इलाके में भारतीय फौज को एलएसी पर अपनी धारणा के मुताबिक गश्त नहीं करने देती। लद्दाख क्षेत्र में चीनी घुसपैठ की लगातार आ रही खबरों के मद्देनजर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सरन को लद्दाख और सियाचिन क्षेत्र का दौरा कर रिपोर्ट देने को कहा था। पूर्व विदेश सचिव ने 2 से 9 अगस्त के बीच क्षेत्र का दौरा किया। उनकी रिपोर्ट मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति के समक्ष भी रखी जा चुकी है।

    दरअसल, भारत और चीन के बीच चार हजार किमी से अधिक लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा है। दोनों देशों के बीच 1962 के युद्ध के बाद वजूद में आई एलएसी का भारत और चीन अपनी-अपनी धारणा के आधार पर सीमांकन करते हैं। चीन लगातार इलाके में अपनी पैठ बनाने और एलएसी को बदलने की कोशिश कर रहा है। लद्दाख में अक्साई चिन का इलाका वह पहले ही हथियाए बैठा है।

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