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    गुड फ्राइडे पर जज सम्मेलन को चीफ जस्टिस ने उचित ठहराया

    By Sachin BajpaiEdited By:
    Updated: Tue, 31 Mar 2015 02:23 AM (IST)

    भारत के मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू ने सभी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों का सम्मेलन आगामी गुड फ्राइडे के दिन कराने के निर्णय को उचित ठहराया है। उन्होंने इस बारे में ईसाई समुदाय के वकीलों की आपत्तियों को दरकिनार कर दिया है

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    नई दिल्ली । भारत के मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू ने सभी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों का सम्मेलन आगामी गुड फ्राइडे के दिन कराने के निर्णय को उचित ठहराया है। उन्होंने इस बारे में ईसाई समुदाय के वकीलों की आपत्तियों को दरकिनार कर दिया है। ईसाई वकीलों ने तीन अप्रैल को गुड फ्राइडे के दिन से शुरू इस सम्मेलन के आयोजन पर कड़ी आपत्ति जताई है। न्यायमूर्ति दत्तू ने वकील लिली थॉमस के आग्रह का निस्तारण करते हुए सम्मेलन के आयोजन के संबंध में स्थिति स्पष्ट कर दी।

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    जज सम्मेलन के आयोजन को लेकर ईसाई समुदाय की आपत्ति का यह मसला लिली ने न्यायाधीश दत्तू और न्यायाधीश एके मिश्रा के नेतृत्व वाली एक पीठ के समक्ष मौखिक रूप से उठाया था। थॉमस ने कहा था कि गुड फ्राइडे आध्यात्मिक महत्व का दिन है और इस दिन राष्ट्रीय अवकाश है, इसलिए हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों का सम्मेलन इस दिन नहीं कराया जाना चाहिए।

    इसके जवाब में मुख्य न्यायाधीश दत्तू का कहना था, 'वर्ष 2007 में भी हमने जज सम्मेलन का आयोजन गुड फ्राइडे के दिन ही किया था। वर्ष 2009 में यह सम्मेलन स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित हुआ था, उस दिन भी राष्ट्रीय अवकाश रहता है। वर्ष 2004 में यह सम्मेलन वाल्मीकि दिवस पर हुआ था। कामकाजी दिन में हाई कोर्टो का काम प्रभावित न हो, इसके चलते न्यायाधीशों ने अवकाश के दिन यह सम्मेलन कराने का फैसला लिया है।

    ईसाई समुदाय के वकीलों का कहना है कि गुड फ्राइडे के दिन प्रभू यीशु को सूली पर चढ़ाया गया था। ईसाइयों के लिए यह दिन खास महत्व का होता है। इसलिए इस दिन सम्मेलन आयोजित करने के फैसले पर पुनर्विचार किया जाए। तीन अप्रैल से शुरू होने वाले इस तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य न्यायाधीश दत्तू ही करेंगे।

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