अदालती कार्यवाही रिकॉर्ड करने पर जज ने दिया फोन तोड़ने का आदेश
मद्रास हाईकोर्ट के एक जज ने अदालती कार्यवाही की अपने फोन से रिकार्डिग करने पर उस फोन को तोड़ने का आदेश दे दिया।
चेन्नई । मद्रास हाईकोर्ट के एक जज ने अदालती कार्यवाही की अपने फोन से रिकार्डिग करने पर उस फोन को तोड़ने का आदेश दे दिया।
जज एस. नागामुत्थू की अदालत में वकील वनाथी श्रीनिवासन एक दीवानी मामले की पैरवी कर रहे थे। उसके बाद जज ने एक घंटे तक अपने फैसले को सुनाना जारी रखा। जब कार्यवाही खत्म होने वाली थी तभी दूसरे पक्ष के वकील श्रीनाथ श्रीदेवन ने जज को बताया कि किसी ने अपने फोन पर कोर्ट की पूरी कार्यवाही रिकार्ड की है। इस पर जज ने जांच की तो पाया कि उसी केस में याचिकाकर्ता के बेटे ने कार्यवाही की रिकार्डिग की थी। इस पर वकील श्रीदेवन ने कहा कि उस व्यक्ति ने गलती की है और उसे दंड मिलना चाहिए।
जज ने उस व्यक्ति से कारण पूछा तो उसने बताया कि उसके पिता कोर्ट में मौजूद नहीं थे। उन्हें पूरी कार्यवाही समझाने के लिए उसने ये रिकार्डिग की। तब जज ने हाईकोर्ट से जुड़े राष्ट्रीय सूचना केंद्र से इस संबंध में सलाह ली। केंद्र ने बताया कि जानकारी मोबाइल में ही है। लेकिन इसे सिर्फ डिलीट करने से इसे वापस हासिल किया जा सकता है। इसलिए इस फोन को नष्ट करना बेहतर है। इस पर जज ने आदेश दिया कि बिना इजाजत कोर्ट की कार्यवाही की रिकार्डिग न्याय की प्रक्रिया को बाधा पहुंचाती। चूंकि दोषी ने माफी मांग ली है। इसलिए संबंधित अधिकारी उसका फोन नष्ट करके फोन की बैटरी और सिम कार्ड उस युवक को लौटा दें।
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