एम्स के पूर्व उपनिदेशक पर लगे आरोपों की फिर होगी जांच
एम्स के पूर्व उपनिदेशक (प्रशासन) के खिलाफ लगे आरोपों की दोबारा से जांच करने के आदेश दिए गए हैं। विनीत चौधरी वर्तमान में हिमाचल प्रदेश सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव पद पर तैनात हैं।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। एम्स के पूर्व उपनिदेशक (प्रशासन) के खिलाफ लगे आरोपों की दोबारा से जांच करने के आदेश दिए गए हैं। विनीत चौधरी वर्तमान में हिमाचल प्रदेश सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव पद पर तैनात हैं।
एम्स निदेशक को इन पर लगे आरोपों की दोबारा जांच कर इस पर जल्द से जल्द अपनी राय देने के लिए कहा गया है। पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद के कार्यकाल में भी मामले की जांच की गई थी और उसके बाद गत वर्ष जब डॉ. हर्षवर्धन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बने थे तो उन्होंने उपनिदेशक के खिलाफ लगे आरोपों को अनुमोदित किया था।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एम्स निदेशक डॉ. एमसी मिश्रा से कहा गया है कि एम्स के पूर्व उपनिदेशक विनीत चौधरी के खिलाफ जो आरोप लगे हैं, उस पर जल्द अपनी राय दें। एम्स प्रशासन की ओर से कहा गया है कि मंत्रालय से इस तरह के निर्देश एम्स निदेशक को मिले हैं और इस पर काम किया जा रहा है।
एम्स की ओर से जारी बयान में यह भी कहा गया है कि इस बात की भी जांच की जा रही है कि पूर्व उपनिदेशक विनीत चौधरी के खिलाफ कार्रवाई के बाद इसकी जानकारी क्यों हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव को दी गई।
मालूम हो कि विनीत चौधरी के खिलाफ कई आरोप लगे थे, उसके बाद उन आरोपों की जांच की गई थी। जांच के बाद संप्रग-2 में स्वास्थ्य मंत्री रहे गुलाम नबी आजाद और वर्तमान केंद्र सरकार के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन ने उनके खिलाफ लगे आरोपों को अगस्त, 2014 में अनुमोदित किया था।
अब दोबारा से वही कार्रवाई की जा रही है। एम्स के पूर्व उपनिदेशक पर आरोप लगे हैं कि एम्स के झज्जर सेंटर पर पोर्टा केबिन बनाने पर 10 लाख रुपये खर्च कर दिए, जिसकी कोई आवश्यकता नहीं थी। एम्स में अपने कार्यालय के नवीनीकरण पर करीब 20 लाख रुपये खर्च किए, जबकि बताया कि पांच लाख रुपये खर्च किए गए। अपने पालतु कुत्ते का इलाज एम्स के कैंसर सेंटर में कराया। एम्स में सीवीओ की नियुक्ति की फाइल गायब कराने का भी आरोप लगाया गया है।