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    ..जब 1980 में चंद्रशेखर ने बदल दी थी जौनपुर में फिजा

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    Updated: Mon, 24 Mar 2014 10:21 AM (IST)

    बात 1980 की है। लोकसभा चुनाव अपने शबाब पर था। तत्कालीन जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर जब यहां प्रचार अभियान में आये तो तीन बार से लगातार क ...और पढ़ें

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    जौनपुर। बात 1980 की है। लोकसभा चुनाव अपने शबाब पर था। तत्कालीन जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर जब यहां प्रचार अभियान में आये तो तीन बार से लगातार कांग्रेस के सांसद रहे राजदेव सिंह को हार का सामना करना पड़ा। कारण कि नौजवान चंद्रशेखर के साथ उठ खड़ा हुआ। उस समय मुख्य मुकाबला तीन बार सांसद रहे कांग्रेस के धुरंधर राजदेव सिंह और डा.आजमी में था। बुजुर्गो का कहना है कि माहौल पूरी तरह राजदेव सिंह के पक्ष में था। चुनाव के दो दिन पूर्व तत्कालीन जनता पार्टी अध्यक्ष चंद्रशेखर यहां राजा यादवेंद्र दत्त का प्रचार करने आये तो चुनावी फिजां ही बदल गयी। परिणाम यह हुआ कि जनता पार्टी उम्मीदवार राजा यादवेंद्र दत्त और राजदेव सिंह चुनाव हार गये। यदि चंद्रशेखर यहां राजा के पक्ष में चुनाव प्रचार करने न आते तो राजदेव सिंह निश्चित रूप से चुनाव जीत जाते, क्योंकि उस समय चंद्रशेखर के आने से काफी संख्या में नौजवान एवं राजपूत मतदाता राजदेव सिंह का साथ छोड़कर राजा यादवेंद्र दत्त के पक्ष में चले गये। तत्कालीन प्रत्यक्षदर्शी बुजुर्गो का कहना है कि शुरूआती दौर में मुख्य मुकबला जनता एस के डा.आजमी और कांग्रेस के राजदेव सिंह के बीच ही रहा। बाद में लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने और राजा जौनपुर को विजयी बनाने के उद्देश्य से जब चंद्रशेखर यहां पहुंचे तो लोगों ने उन्हें हाथोंहाथ लिया और मालाओं से उन्हें ढक देने जैसी स्थिति हो गयी। तब चंद्रशेखर पैदल ही चलने लगे। भीड़ देखकर वे भी इतने उत्साहित हो गये कि जंक्शन स्टेशन से कोतवाली तक दौड़ पड़े। आगे-आगे वे दौड़ रहे थे और पीछे-पीछे भीड़ थी। इसका परिणाम यह हुआ कि तमाम वे मतदाता जो खासतौर से नौजवान एवं राजपूत राजदेव सिंह के पक्ष में लामबंद थे वे बदल गये।

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    उनका रुख क्या बदला चुनाव परिणाम पर भी इसका विपरीत असर पड़ा। एक ओर राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी और संसद सदस्य राजदेव सिंह थे तो दूसरी ओर नयी परिस्थितियों में राजा यादवेंद्र दत्त के बीच बड़ा जमकर संघर्ष हुआ।

    चंद्रशेखर के आने के बाद राजा के वोटों में जहां काफी वृद्धि हो गयी वहीं राजदेव सिंह के वोट कम हो गये। चंद्रशेखर ने दीवानी बार में अधिवक्ताओं को भी सम्बोधित किया, बावजूद इसके राजा जीत की दहलीज तक भी नहीं पहुंच सके और हारकर तीसरे स्थान पर पहुंच गये।

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    उधर राजदेव सिंह भी जीतते-जीतते चंद्रशेखर के आने तथा वोटों के बिखराव के कारण चुनाव हार गये। जीत का सेहरा जनता दल एस के डा.एयू आजमी को मिला। इस चुनाव में जनता एस उम्मीदवार डा.आजमी को 128745 मत और राजदेव सिंह को 125982 मत प्राप्त हुए थे। राजदेव सिंह को महज 2763 मत से हार का सामना करना पड़ा। जनता पार्टी उम्मीदवार राजा यादवेंद्र दत्त को तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा और उन्हें 84911 मत मिले। अभी तक लोग इस चुनाव की चर्चा करते हैं।