मोदी के साथ मंच साझा नहीं करेंगे महाराष्ट्र के सीएम
हरियाणा के कैथल में सूबे के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अनुभव को देखते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण ने भी मोदी के साथ मंच साझा नहीं करने का फैसला किया है। गुरुवार को मोदी नागपुर मेट्रो के उद्घाटन के सिलसिले में जाने वाले हैं। चह्वाण ने कहा कि कैथल की घटना के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा नहीं करने का फैसला किया है। कैथल प्रकरण ने कांग्रेस नेतृत्व को भी परेशान कर दिया है।
नई दिल्ली। हरियाणा के कैथल में सूबे के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अनुभव को देखते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण ने भी मोदी के साथ मंच साझा नहीं करने का फैसला किया है। गुरुवार को मोदी नागपुर मेट्रो के उद्घाटन के सिलसिले में जाने वाले हैं। चह्वाण ने कहा कि कैथल की घटना के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा नहीं करने का फैसला किया है। कैथल प्रकरण ने कांग्रेस नेतृत्व को भी परेशान कर दिया है। जनता के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का आलम देखते हुए कांग्रेस नेतृत्व ने अपने सभी मुख्यमंत्रियों को मोदी के साथ सार्वजनिक मंच पर जाने से बचने की सलाह दे दी है।
हरियाणा और महाराष्ट्र में जल्द विधानसभा चुनाव होने हैं। यूं तो दोनों राज्यों में कांग्रेस के लिए वर्षो की सत्ता विरोधी लहर है। लेकिन, मंगलवार को हरियाणा के सरकारी कार्यक्रम में जो कुछ हुआ उसने आशंका बढ़ा दी है। प्रधानमंत्री मोदी के मंच से बतौर मुख्यमंत्री हुड्डा जब बोलने के लिए खड़े हुए तो उनकी जमकर हूटिंग हुई। परेशान हुड्डा ने यह कहने से संकोच नहीं किया कि अब वह मोदी के साथ किसी मंच पर नहीं जाएंगे।
जबकि, बतौर मुख्यमंत्री यह प्रोटोकाल है कि राज्य के किसी सरकारी कार्यक्रम में उन्हें ही मोदी का स्वागत करना होगा। कुछ ऐसा ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण का भी अनुभव रहा है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने हालांकि प्रोटोकाल निभाने की बात कही है, लेकिन यह आशंका तेज हो गई है कि कांग्रेस शासित राज्यों में अब नई परंपरा दिखेगी और मुख्यमंत्री प्रोटोकाल का उल्लंघन करेंगे।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस नेतृत्व की ओर से इन मुख्यमंत्रियों को सलाह दी गई है कि सार्वजनिक कार्यक्रमों में मोदी के साथ मंच पर न जाएं। चुनावी राज्यों के लिए यह सलाह खासतौर पर है। अन्य राज्यों तक भी संदेश पहुंचा दिया गया है। मोदी लहर में लोकसभा में महज 44 सीटों पर सिमटी कांग्रेस का यह डर स्वाभाविक है लेकिन राज्य सरकारों में इसकी राजनीतिक झलक का बुरा परिणाम हो सकता है। हरियाणा और महाराष्ट्र के साथ कर्नाटक, असम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और केरल समेत कुछ उत्तर पूर्वी राज्यों में भी कांग्रेस की सरकारें हैं।
भाजपा ने की आलोचना
भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों के बयान पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा, यह कांग्रेस का कुशासन है जिसके कारण वह जनता के सामने नहीं जा पा रहे हैं। प्रधानमंत्री हर मुख्यमंत्री को पूरी इज्जत देते हैं। वह तो टीम इंडिया की परिकल्पना करते हैं। कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों ने जनता का भरोसा तोड़ा है तो जवाब देना ही होगा।
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