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    मुजफ्फरनगर हिंसा: केंद्र ने यूपी सरकार से मांगा जवाब

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    Updated: Sun, 08 Sep 2013 07:52 PM (IST)

    मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक हिंसा को लेकर चिंतित केंद्र ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है। गृह मंत्रालय का मानना है कि सांप्रदायिक हिंसा रोकने की विस्तृत एडवाइजरी जारी होने के बाद मुजफ्फरनगर की घटना दुखद है। इस संबंध में राज्य सरकार को रिपोर्ट देने को कहा गया है। केंद्र की ओर से गृह राज्यमंत्री आरपीएन

    नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक हिंसा को लेकर चिंतित केंद्र ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है। गृह मंत्रालय का मानना है कि सांप्रदायिक हिंसा रोकने की विस्तृत एडवाइजरी जारी होने के बाद मुजफ्फरनगर की घटना दुखद है। इस संबंध में राज्य सरकार को रिपोर्ट देने को कहा गया है। केंद्र की ओर से गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह ने हिंसा रोकने के लिए राज्य को हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। गौरतलब है कि बीते मंगलवार और बुधवार को खुफिया ब्यूरो व गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को सांप्रदायिक हिंसा रोकने के लिए एडवाइजरी भी जारी की थी।

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    मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुजफ्फरनगर में हिंसक झड़पों को लेकर चिंतित गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने शनिवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बातचीत की थी। इसके अलावा सुरक्षाबलों की तैनाती को लेकर गृह सचिव अनिल गोस्वामी खुद राज्य के मुख्य सचिव के साथ लगातार संपर्क में हैं। उनके अनुसार राज्य का अनुरोध आने के तत्काल बाद गृह मंत्रालय ने सेना की तैनाती का आदेश जारी कर दिया था। इस बीच सांप्रदायिक हिंसा पर राजनीति नहीं करने की सलाह देते हुए आरपीएन सिंह ने कहा कि इसे रोकने के लिए राज्य सरकार को हरसंभव मदद दी जाएगी। खुफिया ब्यूरो और गृह मंत्रालय की राज्यों को जारी एडवाइजरी में विस्तार से बताया गया था कि त्यौहारों के मौसम में सांप्रदायिक तनाव रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन को क्या-क्या कदम उठाने चाहिए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगर एडवाइजरी पर अमल किया जाता तो मुजफ्फरनगर में हिंसा फैलने से रोकी जा सकती थी। उन्होंने कहा कि उन्हें राज्य सरकार की रिपोर्ट का इंतजार है। इसके बाद ही हिंसक घटनाओं को रोकने में प्रशासन की नाकामी साफ हो पाएगी।

    उप्र में राष्ट्रपति शासन लगे : अजित सिंह

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष और केंद्र में नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह विफल साबित हुई है। चूंकि मुजफ्फरनगर में हुई सांप्रदायिक हिंसा को रोक पाने में प्रदेश सरकार नाकाम रही इसलिए वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।

    अपने एक बयान में रालोद अध्यक्ष ने कहा है कि प्रदेश में जब से समाजवादी पार्टी की सरकार बनी है, सांप्रदायिक हिंसा की कम से कम 100 घटनाएं हो चुकी हैं। मुजफ्फरनगर में हुई ताजा घटना ने प्रदेश की लापरवाह, अकर्मण्य और कमजोर सरकार की पोल खोल दी है। रालोद ने प्रदेश सरकार पर पिछले दरवाजे से सांप्रदायिक हिंसा को भड़काने का आरोप भी लगाया है। सिंह के अनुसार प्रदेश में हालात इतने बुरे हैं कि पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी को इस इलाके से अपनी जान बचाकर भागना पड़ा। क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए सेना को बुलाना पड़ा है।

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