नेताजी की फाइलें जारी करने पर जुटा है केंद्र
केंद्र सरकार नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इस मकसद से 134 वर्गीकृत फाइलों की जांच की जा रही है। साथ ही सरकार ने उनके संबंध में और जानकारी हासिल करने के लिए जापान, ब्रिटेन, इटली, रूस, अमेरिका
नई दिल्ली। केंद्र सरकार नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इस मकसद से 134 वर्गीकृत फाइलों की जांच की जा रही है। साथ ही सरकार ने उनके संबंध में और जानकारी हासिल करने के लिए जापान, ब्रिटेन, इटली, रूस, अमेरिका और आस्ट्रिया से संपर्क किया है।
राज्यसभा में एक लिखित जवाब में गृह राज्यमंत्री हरिभाई पार्थीभाई चौधरी ने बताया, "सरकार अपने पास मौजूद सभी वर्गीकृत फाइलों को सार्वजनिक करने के उद्देश्य से उन्हें परख रही है।" जबकि लोकसभा को विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने बताया, "नेताजी से जुड़े दस्तावेजों को सौंपे जाने के मसले को आस्ट्रिया, जर्मनी, इटली, जापान, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका की सरकारों के समझ उठाया गया है।"
उल्लेखनीय है कि 14 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि सरकार नेताजी से जुड़ी गोपनीय फाइलें उनके जन्मदिन 23 जनवरी से सार्वजनिक करना शुरू कर देगी। इससे नेताजी के सात दशक पहले गायब होने के रहस्य पर से पर्दा उठने की उम्मीद जगी है। मोदी ने यह घोषणा नेताजी के परिवार के साथ मुलाकात के दौरान की थी। इस मुलाकात में बोस परिवार के सदस्यों ने दूसरे देशों के पास मौजूद नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने के लिए उनसे आग्रह करने का सुझाव दिया था। इस सुझाव पर प्रधानमंत्री ने सहमति दी थी।
इसके पहले सितंबर में पश्चिम बंगाल सरकार ने नेताजी से जुड़ी 13 हजार पेज की 64 फाइलों को सार्वजनिक किया था। इन फाइलों से पता चला कि नेताजी के कुछ करीबी पारिवारिक सदस्यों की स्वतंत्र भारत में जासूसी की गई। हालांकि इसमें यह साफ नहीं है कि उनकी मौत 1945 में एक विमान हादसे में हुई। नेताजी के परिवार ने भी उनके रहस्यमय परिस्थितियों में गायब होने के बारे में रूस, जापान, अमेरिका और ब्रिटेन से संपर्क किया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।