Move to Jagran APP

सौ दिन के हिसाब-किताब की तैयारी में केंद्र सरकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूं तो हर दूसरे-तीसरे महीने सरकार की समीक्षा की बजाय पूरे कार्यकाल का हिसाब-किताब देने के पक्षधर हैं, लेकिन तैयारी सरकार में सौ दिन पूरे होने की भी हो रही है। नीयत यह है कि जनता तक यह संदेश पहुंच जाए कि सरकार सही दिशा में जा रही है और हर वादे पर सुनवाई हो रही है।

By Edited By: Published: Sat, 23 Aug 2014 08:21 AM (IST)Updated: Sat, 23 Aug 2014 08:22 AM (IST)
सौ दिन के हिसाब-किताब की तैयारी में केंद्र सरकार

नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूं तो हर दूसरे-तीसरे महीने सरकार की समीक्षा की बजाय पूरे कार्यकाल का हिसाब-किताब देने के पक्षधर हैं, लेकिन तैयारी सरकार में सौ दिन पूरे होने की भी हो रही है। नीयत यह है कि जनता तक यह संदेश पहुंच जाए कि सरकार सही दिशा में जा रही है और हर वादे पर सुनवाई हो रही है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के निर्देश पर सभी प्रमुख मंत्रालय इसका ब्योरा इकट्ठा करने में जुट गए हैं।

loksabha election banner

नरेंद्र मोदी सरकार सौ दिन पूरे होने पर अपने कामकाज की एक फौरी रिपोर्ट कार्ड जनता को देना चाहती है। हालांकि इसमें मुख्य जोर उन मुद्दों पर रखे जाने की संभावना है जो सीधे जनता से जुड़े हैं। अलबत्ता आर्थिक विकास की रफ्तार को बढ़ाने की दिशा में मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार ने अब तक जो कदम उठाए हैं, उन्हें भी पूरी प्रमुखता दिए जाने की उम्मीद है। सितंबर के पहले सप्ताह में सरकार सौ दिन पूरे होने पर अपने कामकाज का ब्योरा जनता के समक्ष पेश कर सकती है।

सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सभी मंत्रालयों से अपने अब तक के प्रमुख कामकाज का पूरा ब्यौरा तैयार करने को कहा है। खासतौर पर वाणिज्य और वित्त मंत्रालय से इस बाबत तैयारी करने को कहा गया है। माना जा रहा है कि पहली सितंबर को इस संबंध में विभिन्न मंत्रालय प्रधानमंत्री कार्यालय के समक्ष अपना अपना प्रेजेंटेशन देंगे। उसके बाद पीएमओ सभी मंत्रालयों से मिले ब्योरे के आधार पर पूरी सरकार के कामकाज की रिपोर्ट को तैयार करेगा। सूत्र बताते हैं कि अब तक सरकार ने क्या काम किया, इसकी प्रभावी जानकारी जनता तक नहीं पहुंच पाई है। उदाहरण के तौर पर विश्व व्यापार संगठन में सरकार ने खाद्य सब्सिडी के मुद्दे पर जो स्टैंड लिया, वह जनता को किस तरह प्रभावित करता है, इसके बारे में सरकार अपनी भावनाओं को जनता तक नहीं पहुंचा पाई है। डिजिटल इंडिया भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है, लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय इसके प्रचार प्रसार से संतुष्ट नहीं है।

सौ दिनों का रिपोर्ट कार्ड हर उपलब्धि को जनता तक पहुंचाएगा। रिपोर्ट कार्ड में वैसे फैसले खासतौर पर शामिल होंगे, जो सीधे जनता से जुड़े हुए हैं। मंत्रालयों की तैयारी में वाणिज्य व वित्त मंत्रालय की भूमिका महत्वपूर्ण है। खासतौर पर डब्ल्यूटीओ, बीमा में एफडीआइ की सीमा बढ़ाने के फायदे और महंगाई को रोकने के लिए उठाए कदमों को सरकार ज्यादा प्रभावी तरीके से बताने की तैयारी में है। प्याज की कीमतों को रोकने के लिए सरकार ने जो तत्परता दिखाई, उसके और उसकी वजह से प्याज की कीमतों को जहां का तहां रोक दिया गया, इसके बारे में भी सरकार सौ दिन पूरा होने पर विस्तार से बता सकती है। काले धन को विदेश से वापस लाने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के संतोष व्यक्त करने को भी सरकार अपनी कामयाबी मान रही है। पहली अंतरिम रिपोर्ट में सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि काले धन के बारे में कुछ प्रगति हुई है। सौ दिन के रिपोर्ट कार्ड में सरकार इसे भी बढ़ा-चढ़ा कर बता सकती है। भाजपा के चुनावी एजेंडे में यह मुद्दा काफी अहम रहा है। पार्टी ने इस मुद्दे पर पूर्व की संप्रग सरकार की कड़ी आलोचना की थी।

पढ़ें: दो दिन बाद ही पलटे हुड्डा, पीएम से की मुलाकात

पढ़ें: लोस चुनाव में आचार संहिता मामले में मोदी बरी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.