सोनिया के करीबियों की जांच नहीं करेगी सीबीआइ
हेलीकॉप्टर खरीद घोटाले में सीबीआइ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के करीबियों पर हाथ डालने से बचने की कोशिश में जुटी है। सोनिया गांधी के सात करीबियों को साधने के लिए एक बिचौलिए के पत्र को सीबीआइ ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है। जांच एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह पत्र पहले से हमारे पास मौजूद ह
नई दिल्ली [नीलू रंजन]। हेलीकॉप्टर खरीद घोटाले में सीबीआइ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के करीबियों पर हाथ डालने से बचने की कोशिश में जुटी है। सोनिया गांधी के सात करीबियों को साधने के लिए एक बिचौलिए के पत्र को सीबीआइ ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
जांच एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह पत्र पहले से हमारे पास मौजूद है, लेकिन घोटाले की जांच में इसकी कोई प्रासंगिकता नहीं है। पिछले हफ्ते इटली की अदालत में अभियोजन पक्ष ने एक बिचौलिए क्रिश्चियन माइकल का एक पत्र पेश किया था। पत्र में हेलीकॉप्टर आपूर्ति करने वाली कंपनी अगस्ता-वेस्टलैंड के दिल्ली स्थित प्रतिनिधि पीटर ह्यूलेट को पत्र लिखकर सोनिया गांधी के सात करीबियों को साधने का निर्देश दिया गया था।
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15 मार्च, 2008 को लिखे पत्र में सोनिया गांधी के करीबियों में उनके राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ प्रणब मुखर्जी, वीरप्पा मोइली, ऑस्कर फर्नाडीस, तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन और विनय सिंह का नाम शामिल है। सीबीआइ के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पत्र से साबित नहीं होता कि इन करीबियों को रिश्वत देने की कोशिश की गई थी। इसके साथ ही जांच में अभी तक इन लोगों द्वारा सौदे में कंपनी को मदद करने के सबूत भी नहीं मिले हैं। लिहाजा, पत्र को जांच के दायरे से बाहर रखने का फैसला किया गया। अगस्ता-वेस्टलैंड से 3600 करोड़ रुपये के 12 वीवीआइपी हेलीकॉप्टरों की खरीद में 360 करोड़ रुपये की दलाली देने का आरोप है। इस संबंध में सीबीआइ ने तत्कालीन वायुसेना अध्यक्ष एसपी त्यागी और उनके परिजनों समेत 13 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है। दलाली के ठोस सुबूत मिलने के बाद सरकार ने सौदे को भी रद कर दिया है।
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