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    बदायूं कांड सीबीआई जांच: पीड़ित और रिश्तेदारों से दूसरे दिन भी पूछताछ

    By Edited By:
    Updated: Sun, 22 Jun 2014 12:16 PM (IST)

    बदायूं के कटरा सआदतगंज कांड की जांच कर रही सीबीआई अहम मसलों पर पीड़ित परिवार से भी छोटी से छोटी जानकारी प्राप्त कर रही है। सीबीआई के समक्ष दो बड़े सवाल ...और पढ़ें

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    लखनऊ। बदायूं के कटरा सआदतगंज कांड की जांच कर रही सीबीआई अहम मसलों पर पीड़ित परिवार से भी छोटी से छोटी जानकारी प्राप्त कर रही है। सीबीआई के समक्ष दो बड़े सवाल हैं, जिनके जवाब की सीबीआइ को शिद्दत से तलाश है। पहला यह कि पीड़ित परिवारों व उनके रिश्तेदारों को किशोरियों के शव बाग में पेड़ से लटके होने की सूचना सबसे पहले किसने और किसको दी। इसके बाद सबसे पहले बाग में कौन पहुंचा।

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    सीबीआइ टीम ने दूसरे दिन भी पीड़ित परिजनों व उनके रिश्तेदारों को बदायूं कैंप कार्यालय लाकर पूरे दिन पूछताछ की। दोपहर बाद अचानक मुख्य गवाह बाबूराम उर्फ नजरू को भी पुलिस साथ लेकर बदायूं आई। सीबीआइ ने गवाह से भी पूछताछ की। कटरा सआदतगंज में दो किशोरियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में सीबीआइ टीम ने शनिवार को पूछताछ पीड़ित परिजनों व उनके रिश्तेदारों पर केंद्रित रखी। लंबी पूछताछ के बाद सीबीआइ ने शुक्रवार रात करीब 11 बजे पीड़ित परिवार व रिश्तेदारों को बदायूं से ले जाकर घर छोड़ा था। कल सुबह आठ बजे ही सीबीआइ की टीम फिर ंकटरा सआदतगंज पहुंची और किशोरियों के पिता जीवन लाल व सोहन लाल, चाचा रामबाबू, भाई वीरेन्द्र, नेकसू लाल के अलावा गूरा नवीगंज निवासी नजदीकी रिश्तेदार रामचंद्र, महिपाल, कनई लाल व रतीराम को को साथ लेकर बदायूं में मंडी समिति गेस्ट हाउस कैंप कार्यालय आ गई। गांव से पीड़ित परिवार के कुछ शुभचिंतक भी वाहन से कैंप कार्यालय पहुंचे, लेकिन उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया।

    कल दोपहर बाद अचानक कटरा चौकी पुलिस मुख्य गवाह बाबूराम उर्फ नजरू को तलाशते हुए पीड़ित परिवार के घर पहुंची, उस वक्त नजरू दैनिक जागरण के साथ बातचीत कर रहा था। पुलिस ने बताया कि उसे तुरंत थाने चलना है। इसके बाद पुलिस नजरू को लेकर सीबीआइ के कैंप कार्यालय आ गई। सभी से सीबीआइ के अलग अधिकारियों ने कई चक्र में बातचीत की। पूछताछ में वारदात वाले दिन की दिनचर्या से लेकर घटना की कब और क्या जानकारी हुई। किसने जानकारी दी। फिर क्या किया। बाग में किशोरियों के पेड़ से लटके होने की सूचना सबसे पहले किसने दी और फिर बाग कौन सबसे पहले पहुंचे। नेकसू लाल व मुख्य गवाह नजरू ने सीबीआई को बताया कि जब पुलिस चौकी पर सुनवाई नहीं हुई और उल्टे पप्पू के कहने से सिपाही सर्वेश यादव बाबूराम उर्फ नजरू को ही कटघरे में खड़ा करने लगा तो दोनों किशोरियों के पिता, चाचा, नेकसूलाल और कुछ करीबी लोग गांव के ही मनोज कुमार शर्मा की गाड़ी से उसहैत थाने रवाना हुए। सभी लोग पेट्रोल पंप, खेड़ा जलालपुर के पास पहुंचे थे कि गांव के विजय सिंह ने नेकसू लाल को मोबाइल पर सूचना दिया कि सिपाही सर्वेश यादव बता गया है कि दोनों लड़कियां आम के बाग में पेड़ से लटकी हैं। इसके बाद वे लोग वापस आम के बाग पहुंचे, तब तक वहां गांव वालों की खासी भीड़ जमा हो चुकी है।

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