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    बदायूं कांड: सीबीआई की निगाहें अब पीड़ित पक्ष पर भी

    By Edited By:
    Updated: Sat, 21 Jun 2014 11:18 AM (IST)

    लखनऊ। बदायूं में दो नाबालिग चचेरी बहनों के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में अदालत से पांच आरोपियों का वैज्ञानिक टेस्ट कराने की अनुमति हा ...और पढ़ें

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    लखनऊ। बदायूं में दो नाबालिग चचेरी बहनों के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में अदालत से पांच आरोपियों का वैज्ञानिक टेस्ट कराने की अनुमति हासिल करने के बाद सीबीआइ ने अब पीड़ित पक्ष से जुड़े लोगों पर नजरें गड़ा दी हैं। टीम ने कल दोनों किशोरियों के पिता समेत नौ करीबी रिश्तेदारों को बदायूं के मंडी समिति गेस्ट हाउस में बनाए गए कैंप कार्यालय लाकर लंबी पूछताछ की।

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    सीबीआइ ने अब तक गिरफ्तार पांचों आरोपियों से नार्को, ब्रेन मैपिंग व लाइ डिटेक्टर टेस्ट के लिए सहमति मिलने के बाद जांच की दिशा पीड़ित परिवार व उनके खैरख्वाह बनने वाले लोगों पर केंद्रित कर दी है। कल देर रात सीबीआइ की टीम कटरा सआदतगंज जा धमकी। टीम के तीन सदस्य पहले से गांव में मौजूद रहकर हकीकत की टोह में जुटे रहे। सीबीआइ टीम के कुछ सदस्य कल सुबह किशोरियों के पिता जीवनलाल व सोहनलाल, भाई वीरेन्द्र, रिश्ते के बाबा नेकसू लाल के अलावा करीबी रिश्तेदार हरवंश, वीर सहाय, रामचंद्र, तेजराम, रामवीर सहित नौ लोगों को पूछताछ के लिए साथ लेकर मंडी समिति गेस्ट हाउस स्थित कैंप कार्यालय आ गए। सबसे अलग-अलग पूछताछ चलती रही।

    सीबीआइ की एक टीम महिला डिप्टी एसपी की अगुवाई में गांव में ही रुक गई। इस टीम ने मामले के मुख्य गवाह बाबूराम उर्फ नजरू, किशोरियों के चाचा रामबाबू, किशोरियों की मां सिया देवी और सुनीता देवी, चाची गुड्डी देवी सहित अन्य करीबी पड़ोसी पुरुषों व महिलाओं से पूछताछ की। सीबीआइ ने सबसे वारदात वाले दिन सुबह से किसकी क्या गतिविधि रही, कब किसे इस वारदात के बारे किससे जानकारी मिली, जानकारी मिलने के बाद क्या किया। अगर खोजने गए तो उनके साथ और कौन था, कौन-कौन लोग पुलिस चौकी गए, यूकेलिप्टस के बाग में भी क्या किशोरियों को तलाशा गया था तथा आरोपी पप्पू के घर पुलिस के साथ कौन-कौन गया था जैसे सवालों को लेकर गहन पूछताछ से कुछ नए क्लू हासिल करने की कोशिश की।

    सीबीआइ ने क्या पूछा, यह जानने की रही बेचैनी

    पीड़ितों से लेकर चश्मदीद और कुछ ग्रामीणों को सीबीआइ टीम पूछताछ को मंडी समिति गेस्ट हाउस में लाई थी। इसकी भनक लगते ही मीडियाकर्मी मंडी समिति पहुंच गए। एक जिप्सी में कुछ लोग वहां पहुंचे, जहां सीबीआइ कमरे में उनसे पूछताछ शुरू कर दी। मीडियाकर्मियों को गेस्ट हाउस प्रांगण तक में आने की अनुमति नहीं दी गई। बेचैन मीडियाकर्मी शाम तक बाहर इस इंतजार में डटे रहे इंतजार था कि अंदर से लोग निकलकर आएं और उनसे अंदर का हाल पूछा जाए। कमरे के अंदर लोगों से क्या पूछताछ चल रही है, इसे जानने को सभी उत्सुक रहे। सभी की निगाहें गेस्ट हाउस की ओर थीं। शाम तक जब बाहर कोई नहीं निकला तो मीडियाकर्मी वहां से हटे।

    सीबीआइ की पूछताछ से गांव में फिर बढ़ी हलचल

    सीबीआइ की पूछताछ से कटरा सआदतगंज में हलचल फिर बढ़ गई है। कई लोग जो अब तक अधिकारियों के पहुंचने पर आंखों देखा हाल सुनाते नहीं थकते थे, वे अब सीबीआइ की पूछताछ देखकर उधर जाने से भी कन्नी काटने लगे हैं। कल सुबह सीबीआइ टीम ने जब पीड़ित परिवार के लोगों व उनके करीबियों रिश्तेदारों से बदायूं कैंप कार्यालय चलने को कहा तो चर्चा पूरे गांव में फैल गई। कई करीबी तो तमाम दिक्कतें बताकर बदायूं जाकर बयान देने से कन्नी काटने लगे। यह देखकर सीबीआइ के अधिकारियों ने स्वत: कहा कि कोई बात नहीं जो वहां न चलना चाहे, वो यहीं पर अपना बयान दे दे। ऐसे कुछ लोगों के नाम पीड़ित परिवार से ही पूछे गए, जो लोग वारदात वाली रात किशोरियों को ढूढ़ने में शामिल रहे। इसी सूची के आधार पर सीबीआइ ने लोगों को बुलवाना शुरू किया। इनमें से दोनों किशोरियों के पिता व भाई के अलावा छह और रिश्तेदार बयान देने बदायूं जाने के लिए तैयार हो गए। बाकी लोगों से पूछताछ गांव में ही पूरे दिन चलती रही। इन लोगों से पूछताछ बिल्कुल एकांत में तथा कई चक्रों में अलग अधिकारियों ने की। इस पूछताछ के कारण की कटरा सआदतगंज में पूरे दिन गहमागहमी रही।

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