Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दुश्मन की गोली से ज्यादा हार्ट अटैक से मरते हैं बीएसएफ के जवान

    By Sachin BajpaiEdited By:
    Updated: Sun, 27 Nov 2016 09:20 PM (IST)

    देश के सबसे बड़े सीमा रक्षक बल बीएसएफ के पुरुष या महिला कर्मी पाकिस्तान के साथ हो रहे मौजूदा संघर्ष में गोलियों और मोर्टार का सामना कर रहे हैं।

    नई दिल्ली, प्रेट्र : सीमा पर या नक्सल प्रभावित इलाकों में होने वाली कार्रवाई से कहीं ज्यादा बीएसएफ के जवानों की मौत हार्ट अटैक या अन्य बीमारियों से हो रही है। पिछले दो वर्ष के सरकारी आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    देश के सबसे बड़े सीमा रक्षक बल बीएसएफ के पुरुष या महिला कर्मी पाकिस्तान के साथ हो रहे मौजूदा संघर्ष में गोलियों और मोर्टार का सामना कर रहे हैं। आंकड़े में बताया गया है कि जनवरी 2015 से सितंबर 2016 के बीच कुल 774 जवानों की मौत हुई है। इनमें से केवल 25 ही संघर्ष के दौरान शहीद हुए हैं। आंकड़ा दर्शाता है कि 316 जवानों की मौत विभिन्न बीमारियों से और 117 जवानों की मौत हृदय गति रुकने से हुई है।

    सैनिक से बर्बरता पर पाकिस्तान को सबक सिखाएगी भारतीय सेना

    इस अवधि में अर्धसैनिक बल में एचआइवी/एड्स और मलेरिया से होने वाली मौतों में कमी आई है। रेल, सड़क और बाइक से दुर्घटनाओं में मौत हो ही रही है। रेल या सड़क दुर्घटना से 192, एचआइवी/एड्स से 18, कैंसर से 38 और मलेरिया से केवल पांच जवानों की मौत हुई है।

    एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'इस अवधि में 774 कर्मियों की जान गई। इनमें से केवल 25 ही लड़ाई के दौरान शहीद हुए। शेष कारणों से हुई मौतों संख्या चिंता का कारण है जिसमें कमी लाने की जरूरत है। स्वस्थ जीवनशैली और सुरक्षित ड्राइविंग सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं।'

    जम्मू-कश्मीर : कुलगाम में पुलिस बल पर आतंकी हमला, दो जवान शहीद