Move to Jagran APP

संसद में बोले जेटली, देर भले हो, काला धन आएगा जरूर

विदेशी खातों में पड़े काले धन को भारत लाने के मामले में मोदी सरकार को थोड़ी देर हो सकती है, लेकिन इस मामले पर सरकार ने पिछले छह महीने में जितना कुछ किया है, उतना अब तक कभी नहीं हुआ। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में बुधवार को

By manoj yadavEdited By: Published: Wed, 26 Nov 2014 09:21 PM (IST)Updated: Thu, 27 Nov 2014 12:14 AM (IST)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विदेशी खातों में पड़े काले धन को भारत लाने के मामले में मोदी सरकार को थोड़ी देर हो सकती है, लेकिन इस मामले पर सरकार ने पिछले छह महीने में जितना कुछ किया है, उतना अब तक कभी नहीं हुआ। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में बुधवार को कालेधन पर चर्चा के जवाब में यह बात कही। उन्होंने यह भी बताया कि विदेश में खाता रखने वालों में से 250 ने मान लिया है कि ये उनके खाते हैं। सरकार ने अगर हड़बड़ी में खाताधारकों के नाम सार्वजनिक किए तो विदेशी सरकारें इस बारे में आगे की सूचना देने से इंकार कर देंगी और बिना उस सूचना के कानूनी लड़ाई नहीं जीती जा सकेगी।

loksabha election banner

चर्चा के दौरान विपक्ष ने सरकार को घेरने की भी जमकर कोशिश की और जवाब के दौरान सदन से वाकआउट भी किया। राज्यसभा में इस चर्चा के जवाब में जेटली ने खुलकर सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा, हम ऐसे सभी खाताधारकों की पहचान सामने लाने के लिए कृतसंकल्प हैं। अब तक मिली सूचना के आधार पर हमने 427 खाताधारकों की पहचान सुनिश्चित कर ली है। इनमें से 250 ने अपने विदेशी खातों के बारे में मान भी लिया है। इनमें से जिन लोगों ने अवैध तरीके से धन जमा किया होगा, उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा।

जेटली ने कहा कि विपक्षी पार्टियां हमें बार-बार यह याद दिला कर उकसाने की कोशिश करती हैं कि हमने सौ दिन में काला धन वापस लाने का वादा किया है मगर सरकार हड़बड़ी में कोई कदम नहीं उठाएगी। इस काम में समय लगेगा।

चुनाव के दौरान किए गए वादों के बारे में उन्होंने कहा, कई बार ईमानदारी के साथ कुछ मुद्दे उठाए जाते हैं। मगर वास्तव में उनकी व्यवहारिकता को देखने के बाद कुछ और सचाई सामने आती है। मगर इस सरकार ने अपने कैबिनेट की पहली बैठक में ही एसआइटी गठन करने का फैसला लिया जबकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद संप्रग सरकार इसे तीन साल तक टालती रही। इसी तरह हमने जून में ही इस संबंध में सारे ब्योरे दो जजों की अध्यक्षता में चल रही एसआइटी को दे दिए। इसी तरह राजस्व विभाग ने स्विटजरलैंड जाकर इस संबंध में समझौता भी किया। जेटली ने कहा कि विश्व उस व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है, जहां ऐसे खातों के बारे में सूचना की स्वत: साझेदारी शुरू हो जाएगी। अगर भारत ने जल्दबाजी में कोई कदम उठाया तो वह ऐसी विश्व व्यवस्था से बाहर हो जाएगा। हालांकि विपक्षी पार्टियां वित्त मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुईं। एक-एक कर अधिकांश विपक्षी दल इस दौरान सदन से बहिर्गमन कर गए।

पढ़ेंः कालेधन पर पीएम ने देश को गुमराह कियाः आनंद शर्मा

पढ़ेंः काले धन पर सदन में लहराईं काली छतरियां


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.