आज पटना में हुंकार भरेंगे मोदी, करेंगे हिसाब चुकता
जदयू व भाजपा का सत्रह साल का याराना, फिर बिछोह, इसके बाद दुश्मनों सा व्यवहार और फिर दो-दो हाथ करने का एलान। याराना के दरमियान हमेशा दबी-दबी सी दिखी भाजपा के लिए रविवार का दिन बहुत अहम है। हुंकार रैली, दरअसल शक्ति प्रदर्शन, हिसाब चुकता करने और जदयू को कठघरे में खड़ा करने का भी मौका है। अब भाज
जागरण ब्यूरो, पटना। जदयू व भाजपा का सत्रह साल का याराना, फिर बिछोह, इसके बाद दुश्मनों सा व्यवहार और फिर दो-दो हाथ करने का एलान। याराना के दरमियान हमेशा दबी-दबी सी दिखी भाजपा के लिए रविवार का दिन बहुत अहम है। हुंकार रैली, दरअसल शक्ति प्रदर्शन, हिसाब चुकता करने और जदयू को कठघरे में खड़ा करने का भी मौका है। अब भाजपा को प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी 'कैप्टन' के रूप में मिल गए हैं। नरेंद्र मोदी के मन में नीतीश कुमार को लेकर टीस .., यह सबकुछ रैली में खुले में आ सकती है। ढेर सारी चुनौतियां भी।
पढ़ें: रूड़ी का नीतीश पर हमला, अहंकार तोड़ देगी मोदी की हुंकार रैली
पढ़ें: मोदी की रैली से पहले पटना में सीरियल ब्लास्ट
भाजपाइयों के हिसाब से जदयू से मिले घाव की दास्तान पुरानी है। बात 2010 से शुरू होती है। पटना में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के दिग्गज नेताओं के सम्मान में भोज रखा था। भाजपा के तमाम दिग्गज नेताओं समेत नरेंद्र मोदी भी शहर में मौजूद थे। आखिरकार नीतीश ने भोज रद कर दिया। भाजपा के लिए यह अपमान की स्थिति थी। वह मन मसोस कर रह गई। लेकिन, उसने इसके इजहार से परहेज किया। हां, कहीं न कहीं दोनों की दोस्ती के बीच दरार पड़ ही गई। जब प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी के नाम को लेकर बात शुरू हुई तो नीतीश ने धर्मनिरपेक्ष छवि का मुद्दा उछालते हुए अंतत: भाजपा से किनारा करने की घोषणा कर दी। भाजपा ने इसे जनादेश का अपमान व विश्वासघात के रूप में प्रचारित किया। उसने हुंकार रैली की थीम ही बना दी -'हुंकार उठा बिहार, विश्वासघात को धिक्कार।' भाजपा ने इसे जनता की जुबान पर चढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। रैली बताएगी कि भाजपा की दुश्मनी के सार्वजनिक प्रदर्शन में जनता की कितनी भागीदारी रही? आखिर कितने लोगों ने माना कि जदयू ने जनादेश से विश्वासघात किया है?
नरेंद्र मोदी को केंद्र में रख तल्खी का एक और कारण है। जब कुसहा बांध टूटा और कोसी के इलाके में प्रलय सी स्थिति बनी, तो नरेंद्र मोदी ने बाढ़ पीड़ितों के लिए आर्थिक सहायता भेजी थी। बिहार सरकार ने यह राशि लौटा दी। ऐसे ही कुछ और मसले भी हैं, जो तल्खी के अंदाज में रैली में परिलक्षित हो सकते हैं। इस क्रम में स्वाभाविक तौर पर अबकी बारी भाजपा की है।
आजकल नरेंद्र मोदी देश भर में रैलियों को संबोधित कर रहे हैं। लेकिन हुंकार रैली प्रत्यक्ष तौर पर हिसाब चुकता करने का मौका माना गया है। यही वजह है कि इस रैली पर उनकी खास नजर है। भाजपाइयों ने रैली की कामयाबी के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। यह पहला मौका है, जब हर स्तर के भाजपाई एकजुट होकर तैयारी में जुटे रहे। इससे पहले भाजपा के नेता आपस में ही एक-दूसरे पर 'नीतीश भक्त' होने का आरोप लगाने से बाज नहीं आते थे। नमो के बूते एकजुट हुई भाजपा रविवार को मौका नहीं गंवाएगी।
राजनीतिक प्रेक्षकों की नजर भीड़ के साथ-साथ नरेंद्र मोदी के भाषण पर भी टिकी हुई है। लोग देखना चाहते हैं कि भोज देकर उसे रद करने की घटना को नमो किस तरह याद करते हैं या उसका जिक्र करना भी जरूरी नहीं समझते। 'समृद्ध बिहार, समृद्ध भारत' की बात तो वे बुलंद करेंगे ही। समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने वाले नेता की बात के सवाल का वे कैसे जवाब देते हैं, यह भी देखना होगा। संभव है कि मोदी बिहार के उस विकास पर टिप्पणी करने से परहेज करें, जिसका ढिढ़ोरा भाजपा भी इस साल के जून तक पिटती रही है। लेकिन उन पर भीड़ को तुष्ट करने का दबाव भी रहेगा। यहां बताना जरूरी है कि इस रैली में लोगों को यही कहकर बुलाया गया है कि जदयू विश्वासघाती है, उसे तगड़ा जवाब देना है।
एक मायने में हुंकार रैली की सफलता या विफलता पर बिहार में भाजपा का राजनीतिक भविष्य टिका हुआ है। लिहाजा, भीड़ और उसके रुख से ही प्रहार का स्तर तय होगा। भाजपा को बस इस रैली की कामयाबी तक सीमित नहीं रहना होगा। उसे चुनौती के इस मोर्चे को भी जीतना है, जो जदयू से अलग होने से बनी है। मसला उस जनाधार की भरपाई का है, जो जदयू से दोस्ती के बूते उसके पाले में थी। रैली में आने वाले लोगों को अपना बनाए हुए बूथ तक ले जाना भी तगड़ी चुनौती है।
यह रैली कई मायनों में नायाब है। इतनी लंबी तैयारी शायद ही किसी रैली के लिए हुई। इस दौरान इसके मुद्दे भी बदलते रहे। सबसे हालिया मुद्दा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा या विशेष पैकेज दिलाना है। भाजपा नहीं चाहती है कि यह बस जदयू का एजेंडा रहे। भाजपा ने इसके लिए 'समृद्ध बिहार, समृद्ध भारत' और 'नई सोच, नई उम्मीद' का नारा दिया हुआ है। जदयू से दोस्ती खत्म होने के बाद भाजपा, जदयू और कांग्रेस को एक बताती रही है। इसके हवाले राजद व लोजपा को घेरती रही है। तीसरे मोर्चे को खारिज करती रही है। जनता के स्तर पर यह सब कितना अपनाया गया है, लोग इसमें कितनीच्सच्चाई देखते हैं, रैली इसकी गवाह बनेगी।
बहरहाल, शनिवार की देर रात इनमें से कई मसलों की मुनादी भी हो गई। यह भाजपा की तत्कालिक सफलता मानी जा सकती है। 'हुंकार उठा बिहार, विश्वासघात को धिक्कार' और 'नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाना है' जैसे नारे लगाते लोग यहां पहुंचे। लोगों के आने का सिलसिला रात भर चला।
टाइमलाइन:
-सुबह 9 बजे : गांधी मैदान में कार्यक्रम की शुरुआत
-9 से 10 बजे तक : सांस्कृतिक कार्यक्रम
-10.45 बजे तक : छैला बिहारी, आनंद बिहारी पांडेय व मनोज तिवारी द्वारा लोकगीतों की प्रस्तुति
-11 बजे से : नए मंच पर भाजपा के राष्ट्रीय नेता और पुराने मंच पर पार्टी विधायक व पदाधिकारी स्थान ग्रहण करेंगे
-दोपहर 1 बजे : राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह, नरेंद्र मोदी व अरुण जेटली गांधी मैदान पहुंचेंगे। फिर उनका भाषण
-अपराह्न 3 बजे : रैली का समापन
हुंकार रैली से पहले हटाए मोदी के बैनर
जागरण संवाददाता, पटना। गांधी मैदान में रविवार को होने वाली भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की रैली से पहले प्रशासन ने शहर में उनके बैनर-पोस्टर उखाड़ दिए। इसके पीछे प्रशासन शनिवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आगमन पर सुरक्षा कारणों का हवाला दे रहा है, जबकि भाजपा ने हुंकार रैली के लिए सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली हैं। शनिवार शाम से ही रैली स्थल पर पार्टी कार्यकर्ता व समर्थकों की भीड़ जुटने लगी है।
रैली को सफल बनाने में जुटी भाजपा ने पूरे शहर में बैनर-पोस्टर व फ्लैक्स लगाए हैं। लेकिन शनिवार को आइआइटी, पटना के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति के आगमन को लेकर राज्य सरकार ने सुरक्षा कारणों से कुछ रास्तों से भाजपा के बैनर आदि हटा दिए।
रविवार सुबह नौ बजे शुरू होने वाली हुंकार रैली में भाजपा के कई वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। दोपहर एक बजे नरेंद्र मोदी मंच पर आएंगे। इससे पहले शनिवार देर शाम तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह और वरिष्ठ नेता अरुण जेटली पटना पहुंच चुके थे। भाजपा का दावा है कि यह रैली देश-प्रदेश में राजनीति की दिशा तय करेगी।
रैली स्पेशल ट्रेन पर पथराव, दर्जन भर घायल
मोतिहारी। भाजपा की हुंकार रैली के समर्थकों को लेकर पश्चिमी चंपारण जिले के बेतिया से पटना जा रही स्पेशल ट्रेन पर कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। जिसमें करीब एक दर्जन लोग घायल हो गए। मुजफ्फरपुर-नरकटियागंज रेलखंड के चैलाहां हाल्ट पर शनिवार शाम हुए पथराव में मुखियारामजी यादव की आंख की रोशनी चली गई। बंजरिया थाना के दरोगा मुकेश वर्मा ने बताया कि स्पेशल ट्रेन को चैलाहां हाल्ट के पास किसी ने वैक्यूम कर रोक दिया था। इसके बाद यात्रियों पर पथराव शुरू हो गया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि यह जदयू व राजद की करतूत है। ट्रेन काफी देर तक मोतिहारी स्टेशन पर खड़ी रही।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर