ऑपरेशन ब्लूस्टार पर घिरी कांग्रेस
ऑपरेशन ब्लूस्टार में ब्रिटेन की मदद को लेकर सामने आई जानकारियों पर कांग्रेस घिरती नजर आ रही है। बुधवार को भाजपा और अकाली दल ही नहीं बसपा ने भी स्वर्ण मंदिर पर सैन्य कार्रवाई में ब्रिटेन की सलाह लेने पर कांग्रेस की आलोचना की। अकाली दल सांसदों ने संसद परिसर में धरना दिया। अकाली सांसदों की
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ऑपरेशन ब्लूस्टार में ब्रिटेन की मदद को लेकर सामने आई जानकारियों पर कांग्रेस घिरती नजर आ रही है। बुधवार को भाजपा और अकाली दल ही नहीं बसपा ने भी स्वर्ण मंदिर पर सैन्य कार्रवाई में ब्रिटेन की सलाह लेने पर कांग्रेस की आलोचना की। अकाली दल सांसदों ने संसद परिसर में धरना दिया। अकाली सांसदों की मांग है कि मामले से जुड़े सभी सरकारी दस्तावेज सार्वजनिक किए जाएं, ताकि इसमें शामिल लोगों की हकीकत सामने आ सके।
स्वर्ण मंदिर पर सशस्त्र बलों के ऑपरेशन में ब्रिटिश सरकार की भूमिका पर अकाली सांसद हरशिमरत कौर ने कहा कि ब्रिटेन की मदद लेना हमारी संप्रभुता के ही खिलाफ नहीं था, बल्कि देश के साथ धोखा भी था। हरशिमरत ने सिख दंगों के दौरान कांग्रेस नेता सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर की भूमिका की जांच के लिए त्वरित अदालत गठित करने की मांग भी की। पार्टी सांसद नरेश गुजराल ने कहा कि बार-बार साबित हो रहा है कि स्वर्ण मंदिर को निशाना बनाने के लिए लंबे समय तक साजिश बनाई गई। इसकी तैयारी में ब्रिटेन के लोग पहले ही आ गए थे। अगर इस मामले में ब्रिटेन तथ्य सार्वजनिक कर सकता है, तो हमारी सरकार क्यों नहीं। गुजराल के मुताबिक वर्ष 1983 तक इंदिरा गांधी की राजनीतिक जमीन पूरी तरह हिल चुकी थी। इसलिए उन्होंने राच्य की उदारवादी अकाली ताकतों को कमजोर कर भिंडरावाला को बढ़ावा देना शुरू किया, लेकिन जब मामला उनके हाथ से निकलने लगा तो स्वर्ण मंदिर को निशाना बनाया। राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने तो सिखों की ऐसी छवि पेश की गई कि जैसे पूरा समुदाय आतंकवाद का समर्थन करता है।
सोनिया के करीबियों की जांच नहीं करेगी सीबीआइ
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार को किसी अन्य देश से सलाह लेने के बजाय इस मामले को खुद निपटाना चाहिए था। यह हमारा अंदरूनी मामला था। इसमें किसी को हस्तक्षेप की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी। उन्होंने भी सुप्रीम कोर्ट से 84 दंगों के मामले में हस्तक्षेप कर विशेष जांच की मांग की। भाजपा के उपाध्यक्ष बलवीर पुंज ने कहा कि केंद्र सरकार को ऑपरेशन ब्लूस्टार की सच्चाई देश के सामने स्पष्ट करनी चाहिए। तत्कालीन भारत सरकार ने देश को शर्मसार करने वाले मामले में ब्रिटेन से संपर्क बनाए रखा। तत्कालीन सरकार ने अपने ही लोगों से निपटने के लिए दूसरे देश से मदद मांगी। यह शर्मनाक है। हालांकि, केंद्रीय मंत्री फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि भारत को आज भी अमेरिका से आतंकी गतिविधियों की जानकारियां मिलती हैं। ऐसा कोई देश नहीं जो एक-दूसरे के साथ काम न करता हो।
ऑपरेशन ब्लूस्टार में ब्रिटेन ने दी थी सिर्फ सलाह
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