भाजपा में लौटे येद्दयुरप्पा
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। बागी होकर बाहर गए कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येद्दयुरप्पा ने आखिरकार भाजपा में वापसी कर ली है। नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के संकल्प के साथ गुरुवार को उन्होंने औपचारिक रूप से अपनी पार्टी केजेपी का भाजपा में विलय कर दिया। दक्षिण में भाजपा की पहली सरकार बनवाने में अहम भूमिका निभाने वाले येद्दयुरप्पा की वापसी के लिए आधार पहले ही तैयार हो गया था।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। बागी होकर बाहर गए कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येद्दयुरप्पा ने आखिरकार भाजपा में वापसी कर ली है। नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के संकल्प के साथ गुरुवार को उन्होंने औपचारिक रूप से अपनी पार्टी केजेपी का भाजपा में विलय कर दिया। दक्षिण में भाजपा की पहली सरकार बनवाने में अहम भूमिका निभाने वाले येद्दयुरप्पा की वापसी के लिए आधार पहले ही तैयार हो गया था। दरअसल, विधानसभा चुनाव में केजेपी का हश्र देखने के बाद खुद येद्दयुरप्पा भी हताश थे। वह भाजपा का बड़ा आधार चाहते थे। भाजपा नेतृत्व को भी महसूस हो गया था कि प्रभावी लिंगायत समुदाय के नेता के रूप में येद्दयुरप्पा ही भाजपा का आधार बढ़ा सकते हैं।
गुरुवार को बेंगलूर में येद्दयुरप्पा और भाजपा महासचिव अनंत कुमार ने दोनों दलों के विलय का एलान कर दिया। भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाया गया था। बाद में नाराज येद्दयुरप्पा ने पार्टी छोड़ दी थी। गौरतलब है कि येद्दयुरप्पा मोदी समर्थक रहे हैं। पार्टी से बाहर रहने के बावजूद उन्होंने मोदी को प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाए जाने का समर्थन किया था। गुरुवार को भी उन्होंने वापसी के साथ ही नमो गान किया। गौरतलब है कि पिछले चार-पांच महीने से उनकी वापसी की चर्चा के बीच इंतजार सिर्फ लालकृष्ण आडवाणी की सहमति का किया जा रहा था। राज्य इकाई की ओर से भी केंद्रीय नेतृत्व को आशंका जताई गई थी कि विधानसभा चुनाव की तर्ज पर ही अलग-अलग रहे तो लोकसभा चुनाव में भी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को सबसे ज्यादा 18 सीटें कर्नाटक से ही मिली थी। पिछले दिनों राज्य के प्रतिनिधिमंडल ने नेतृत्व से मिलकर आशा जताई थी कि येद्दयुरप्पा की वापसी के बाद पार्टी पुरानी जीत को बरकरार रख सकती है। भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण भी औपचारिक घोषणा में थोड़ा ब्रेक लगा था। हालांकि, येद्दयुरप्पा ने उसके लिए भी आधार तैयार कर दिया था। उन्होंने किसी पद की शर्त रखे बगैर वापसी की है, लेकिन तय है कि कोर्ट से बरी होते ही उन्हें तोहफा मिल सकता है।
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