माया के खिलाफ बयान देना पड़ा भारी, दयाशंकर सिंह भाजपा से निष्कासित
मायावती के खिलाफ असभ्य टिप्पणी करने वाले दयाशंकर सिंह को भाजपा ने 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
नई दिल्ली। बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने वाले यूपी भाजपा के उपाध्यक्ष रहे दयाशंकर सिंह को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। पार्टी ने उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। इससे पहले बसपा नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया। दयाशंकर सिंह के खिलाफ एससी-एसटी उत्पीड़न का केस दर्ज किया गया है। अपने ऊपर आपत्तिजनक टिप्पणी पर बसपा सूप्रीमों मायावती ने केंद्र सरकार को देशभर में प्रदर्शन करने की धमकी दी थी। है। हालांकि पूरे मामले में केंद्र की तरफ से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने खेद व्यक्त किया था।
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भाजपा नेता दयाशंकर सिंह की बसपा सुप्रीमो के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी से बसपा कार्यकर्ता भी आगबबूला हैं। पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय ने रोष व्यक्त करते हुए कहा है कि अगर भाजपाई बाज नहीं आए तो करारा जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा ने ऐसे लोगों की गलतबयानी पर रोक नहीं लगाया तो बसपाई सड़कों पर उतरकर ऐसे लोगों की जीभ काट लेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि भाजपाई अपनी हद में रहें और किसी पर कोई अशोभनीय टिप्पणी न करें।
उधर मायावती ने कहा कि 'संसद में और बाहर, ज्यादातर लोग मुझे 'बहनजी' या 'बहन' कहकर संबोधित करते हैं। ऐसे में जिस शख्स ने मेरे लिये ऐसा बयान देकर मुझे नहीं बल्कि अपनी बहन को ही अपशब्द कहे हैं। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि 'यदि इस व्यअक्ति के खिलाफ भाजपा ने कार्रवाई नहीं की तो पूरे देशभर में प्रदर्शन किये जाएगें।'
हालाकि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को संसद में दयाशंकर सिंह के अभद्र शब्दों वाले बयान पर खेद व्यक्त किया। साथ ही तत्काल जांच का भी आश्वासन दिया। जेटली ने राज्यसभा में कहा कि ‘मैं निजी तौर पर खेद व्यक्त करता हूं। मैं आपके सम्मान के साथ संबद्ध हूं और आपके साथ खड़ा हूं।
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केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि हमारे बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन हम मायावती जी का आदर करते हैं।
गौरतलब है कि यूपी में बीजेपी के 15 उपाध्यक्षों में से एक दयाशंकर सिंह ने बीएसपी में कथित तौर पर टिकट बेचे जाने संबंधी उल्लेख करते हुए यह टिप्पणी की थी। हालांकि बयान देने वाले नेता दयाशंकर सिंह ने भी बाद में अपने बयान पर माफी मांग ली।
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बेहद अपमानजनक और विवादों को जन्म देने वाले इस बयान में दयाशंकर सिंह ने कहा था, 'मायावती टिकट बेच रही हैं। वे बेहद बड़ी नेता हैं, तीन बार की मुख्यमंत्री। लेकिन वे उन्हें टिकट दे रही हैं जो उन्हें एक करोड़ रुपये दे रहा है। यदि दोपहर को कोई दो करोड़ रुपये लेकर आ जाएगा तो वे उसे टिकट दे देंगी। यदि कोई शाम को तीन करोड़ लेकर आएगा तो वे पिछले प्रत्याशी का टिकट खारिज करते हुए उसे बतौर प्रत्याशी चुन लेंगी। उनका चरित्र वेश्या से भी बदतर है'।
बता दें कि उत्तर प्रदेश को बतौर मुख्यमंत्री बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने चार बार अपनी सेवाएं प्रदान की है। 2011 में मायावती समाजवादी पार्टी के सीएम अखिलेश यादव से हार गई थी।
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