अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर उलझी भाजपा व पीडीपी
सदन में मामला उस समय गर्माया जब शून्यकाल के दौरान भाजपा के विधायक राजीव जसरोटिया ने कहा कि हर पार्टी का अपना एजेंडा है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। अनुच्छेद 370 का विरोध करने वालों को राष्ट्र विरोधी करार देने के मुख्यमंत्री के बयान पर राज्य की सियासत चरम पर पहुंच गई है। सरकार के दो घटक पीडीपी और भाजपा आमने सामने आ गए हैं। हालात इतने ज्यादा बदतर हो गए कि सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
दोनों की विचारधारा के बीच टकराव हुआ है। इसको लेकर विधानसभा में भारी हंगामा हुआ। दो बार पंद्रह-पंद्रह मिनट के लिए और फिर पूरे दिन के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। सदन में मामला उस समय गर्माया जब शून्यकाल के दौरान भाजपा के विधायक राजीव जसरोटिया ने कहा कि हर पार्टी का अपना एजेंडा है। किसी का मुद्दा स्वायत्तता है तो किसी का सेल्फ रुल है।
हमारी अपनी विचारधारा है। सोमवार को मुख्यमंत्री ने अनुच्छेद 370 का विरोध करने वालों को राष्ट्र विरोधी कहा था। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए ही अपना बलिदान दिया था, इसलिए मुख्यमंत्री के भाषण से राष्ट्रविरोधी शब्द को हटा दिया जाए। इस पर स्पीकर कवींद्र गुप्ता ने राष्ट्र विरोधी शब्द को सदन की कार्यवाही से हटाने के लिए कहा। स्पीकर के फैसले से विपक्ष भड़क गया। नेकां व कांग्रेस के सदस्य अपनी सीटों से उठकर सदन के बीच में आ गए और नारेबाजी शुरू कर दी। विपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री हाउस की नेता हैं, उनके शब्दों को कैसे हटाया जा सकता है। इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही पंद्रह मिनट के लिए स्थगित कर दिया। दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने फिर से हंगामा शुरू कर दिया। भारी शोरशराबा के बीच विपक्ष ने कहा कि सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए।
स्पीकर ने कहा कि हर पार्टी का अपना एजेंडा है। अभी उनके पास कार्यवाही की कॉपी नहीं आई है। अगर अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर राष्ट्र विरोधी बातें हुई तो शब्द को कार्यवाही से हटा दिया जाएगा। इस पर विपक्ष के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि विधानसभा के इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्री के बयान को सदन की कार्यवाही से हटाया जा रहा है। मुख्यमंत्री स्वयं आकर अपनी स्थिति स्पष्ट करें। इसके बाद नेकां व कांग्रेस के सदस्यों ने शोरशराबा शुरू कर दिया और स्पीकर के आसन के नजदीक आ गए। विपक्ष ने आरएसएस हाय-हाय के नारे लगाए तो भाजपा ने आरएसएस जिंदाबाद के नारे लगाए।
स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को पंद्रह मिनट के लिए फिर स्थगित कर दिया। उसके बाद जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष ने फिर से हंगामा शुरू कर दिया। स्पीकर ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री के बयान को सदन की कार्यवाही से नहीं हटा रहा हूं। मुख्यमंत्री स्वयं यहां आकर स्थिति स्पष्ट करेंगी। हंगामा नहीं थमते देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी।
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