अखिलेश यादव पर हमलावर हुई भाजपा
भाजपा ने अखिलेश यादव पर 2012 में घोषणापत्र में किये गए वायदे को पूरा नहीं करने और राज्य में जमीन कब्जा करने वाले व अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस के साथ गठबंधन के बाद सपा से सीधी टक्कर को देखते हुए भाजपा ने अखिलेश यादव पर हमला तेज कर दिया है। भाजपा ने सपा के घोषणापत्र को खारिज करते हुए अखिलेश यादव को विज्ञापन वाला मुख्यमंत्री करार दिया है। भाजपा ने अखिलेश यादव पर 2012 में घोषणापत्र में किये गए वायदे को पूरा नहीं करने और राज्य में जमीन कब्जा करने वाले व अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है।
उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशियों की सूची जारी करने के ठीक पहले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव पर सवालों और आरोपों की झड़ी लगा दी। उन्होंने कहा कि 2012 के घोषणापत्र में सपा ने उत्तरप्रदेश से गुंडागर्दी, अपराध और भ्रष्टाचार खत्म करने का वायदा किया था। लेकिन आज उत्तरप्रदेश में गुंडागर्दी चरम पर है। राज्य में अपराधियों का नंगा नाच होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में हर स्तर पर जमीनों पर अवैध कब्जा किया जा चुका है और मथुरा का जवाहरबाग इसका ज्वलंत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं को जाति और संप्रदाय के आधार पर भेदभाव के साथ लागू किया जा रहा है। सपा की अंदरुनी लड़ाई को नाटक बताते हुए उन्होंने कहा कि सबकुछ जनता के बरगलाने के लिए किया गया था, लेकिन इसका पर्दाफाश हो चुका है।
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2012 में सभी छात्रों को लैपटाप देने के सपा के वायदे पर कटाक्ष करते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने सवाल उठाया कि अखिलेश जी आपका लैपटाप कहां गया। अखिलेश सरकार में राज्य का विकास ठप होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि बेरोजगारी चरम पर पहंुच गई है। हालत यह है कि चपरासी के 300 पदों के लिए 38 लाख आवेदन आ जाते हैं। बेरोजगारी का इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य के ग्रामीण इलाकों में बिजली कटौती चरम है। इस कारण छोटे-छोटे उद्योग धंधे ठप हो गए हैं।
मोदी सरकार के कार्यकाल में उत्तरप्रदेश में विकास योजनाओं को लागू नहीं किये जाने के अखिलेश यादव के आरोपों को खारिज करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने कहा कि मुद्रा योजना, उज्जवला योजना, जनधन योजना में उत्तरप्रदेश में बड़े पैमाने पर लागू किया गया है। मोदी सरकार ने उत्तरप्रदेश को दो-दो एम्स दिया है। लेकिन अखिलेश यादव की लापरवाही के कारण राज्य के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।
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