केजरीवाल की नींद उड़ाएंगे योगेंद्र यादव
स्वराज और जनलोकपाल बिल को लेकर अस्तित्व में आई आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सरकार बनने के बाद जिस तरह पार्टी के मुख्य दो एजेंडे को ठंडे बस्ते में डाल दिया, पार्टी से नाराज चल रहे वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव इसी मुद्दे को लेकर देशभर में

नई दिल्ली, आशुतोष झा। स्वराज और जनलोकपाल बिल को लेकर अस्तित्व में आई आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सरकार बनने के बाद जिस तरह पार्टी के मुख्य दो एजेंडे को ठंडे बस्ते में डाल दिया, पार्टी से नाराज चल रहे वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव इसी मुद्दे को लेकर देशभर में जाएंगे। वह स्वराज अभियान की शुरुआत अगस्त में करेंगे।
उन्होंने स्वराज व जनलोकपाल बिल के लिए देशभर में आंदोलन चलाने का निर्णय लिया है। अलग पार्टी बनाने व भविष्य में चुनाव लड़ने की योजना को लेकर योगेंद्र यादव का कहना है कि अभी उनके एजेंडे में यह शामिल नहीं है। आंदोलन को राजनीति से नहीं जोड़ना है। अगर राजनीति करेंगे तो यह बहुउद्देशीय होगा। गत 14 अप्रैल को गुड़गांव में सैकड़ों कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में स्वराज संवाद कार्यक्रम के बाद शुक्रवार को खास बातचीत में योगेंद्र यादव ने कहा कि वह स्वराज अभियान को नई शुरुआत के रूप में देखते हैं। जो आम आदमी पार्टी का मूल उद्देश्य था।
स्वराज अभियान कोई राजनीतिक अभियान नहीं है। इसके जरिए जनहित से जुड़े प्रत्येक अभियान को लेकर जागरूक किया जाएगा। शिक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार, किसानों को आमदनी कैसे हो, रोजगार, स्वास्थ्य के साथ-साथ पार्टी के स्वराज के भावना को जगाने और प्रचार-प्रसार करने की है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों पार्टी की गतिविधियों से देशभर में लोगों के बीच गलत संदेश गया है इसे स्वराज अभियान में दूर किया जाएगा। परंपरागत राजनीति के तौर तरीके से हटकर नई राजनीति के तरीके की बात आम आदमी पार्टी ने कही थी, इसलिए स्वराज अभियान को देशभर में चलाया जाएगा।
इस अभियान में निगेटिव कैंपेन नहीं किया जाएगा। दिल्ली ही नहीं देश के लोगों का कैसे भला हो सकता है, बस इस बारे में सोचना है। पार्टी राजनीति में जिस पारदर्शिता, आरटीआइ, राज्य की स्वायत्ता, कलेक्टिव लीडरशिप व वालेंटियरों की आवाज सुनने आदि की कोशिश की जाएगी।
स्वराज अभियान पहला पड़ाव
स्वराज अभियान की शुरुआत देश के एक कोने से शुरू होगी तो देशभ्रमण के बाद उसी जगह जाकर खत्म होगी। देशभर में ऊर्जावान लोगों को एकजुट कर फिर स्वराज अभियान की समीक्षा की जाएगी और उसके बाद आगे कोई बड़ा निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल स्वराज अभियान पहला पड़ाव है।

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