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    आईपीएस अफसर ने एमपी सरकार से की थी जेल सुरक्षा बढ़ाने की डिमांड

    By Rahul SharmaEdited By:
    Updated: Wed, 02 Nov 2016 02:35 PM (IST)

    अगर जेल प्रशासन की ओर से मध्यप्रदेश सरकार को 20 अक्टूबर को लिखे गए पत्र पर यकीन किया जाए तो यही लगता है कि मध्यप्रदेश सरकार से कही ना कहीं चूक हुई है।

    भोपाल, जेएनएन। सिमी के 8 आतंकियों के भोपाल की सेंट्रल जेल से फरार होने के मामले में मध्यप्रदेश सरकार घिरती नजर आ रही है। अगर जेल प्रशासन की ओर से मध्यप्रदेश सरकार को 20 अक्टूबर को लिखे गए पत्र पर यकीन किया जाए तो यही लगता है कि मध्यप्रदेश सरकार से कही ना कहीं चूक हुई है। इस पत्र में पीओके में हुई सर्जिकल स्ट्राईक के बाद मध्यप्रदेश सरकार से जेल की सुरक्षा बढ़ाने की बात कही गई थी। ताकि जेल में बंद सिमी कैदियो की सुरक्षा और मजबूत हो सके।

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    एक अंंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक जेल उप महानिरीक्षक संजय पाण्डेय के इस पत्र में लिखा गया है कि हाल ही में भारतीय सेना द्वारा सर्जिकल स्ट्राईक कर पाक अधिकृत कश्मीर में 06 आतंकवादी कैंप का सफाया कर लगभग 40 आतंकवादी मार गिराये गए। भारतीय सेना की उक्त कार्यवाही से पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों में अत्यंत बौखलाहट है और ऐसी स्थिति में उनके द्वारा भारत में आतंकी घटनाएं करने की संभावनाएं प्रबल हैंं। इसी के मद्देनजर देश के अनेक शहरों में हाई-अलर्ट भी जारी किया गया है। पत्र के अंत में भोपाल जेल के खण्ड- ब पर भी 1:4 का सशस्त्र गार्ड तैनात किए जाने की मांग की गई थी। ताकि सिमी बंदियों की सुरक्षा व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ हो सके।

    इसके अलावा मानवाधिकार आयोग ने भोपाल जेल से भागे सिमी आतंकियों के कथित एनकाउंटर के मामले में मप्र शासन से रिपोर्ट तलब की है। इसके लिए सरकार को 15 दिन का समय दिया गया है। रविवार-सोमवार की मध्यरात्रि भोपाल जेल में बंद सिमी के आतंकी वहां तैनात प्रहरी की हत्या करके फरार हो गए थे। इसके बाद पुलिस ने प्रदेश भर में अलर्ट जारी करके आतंकियों की तलाश शुरू की थी।

    भोपाल से दस किमी दूर ग्राम खेजड़ी के ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने आतंकियों को पकड़ा व एनकाउंटर किया। इस घटना के बाद एक वीडियो सामने आया है जिसे एनकाउंटर के वक्त का वीडियो बताया जा रहा है। इसे लेकर मानवाधिकार आयोग ने मप्र शासन से रिपोर्ट मांगी है।

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