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    स्वच्छता के मामले में बनारस सूबे में अव्वल

    By Mohit TanwarEdited By:
    Updated: Thu, 04 May 2017 12:25 AM (IST)

    रैंकिंग में सुधार होने से बनारस ने प्रदेश में पहले स्थान की बाजी मारी है।

    स्वच्छता के मामले में बनारस सूबे में अव्वल

    सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। स्वच्छता के मामले में बनारस सूबे का अव्वल शहर बन गया है। राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता रैंकिंग के टॉप 40 शहरों की सूची में उत्तर प्रदेश के किसी और शहर को स्थान नहीं मिल पाया है। स्वच्छता सर्वेक्षण की सूची गुरुवार को जारी की जायेगी, जिसमें 434 शहरों के नतीजे घोषित होंगे। ऐतिहासिक नगरी बनारस को स्वच्छ बनाने के लिए विशेष पहल की गई थी, जिसमें शहर के लोगों की सहभागिता को सुनिश्चित किया गया था। रैंकिंग में सुधार होने से बनारस ने प्रदेश में पहले स्थान की बाजी मारी है।

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    स्वच्छता सर्वेक्षण की पिछली रैंकिंग में बनारस को 400 से भी नीचे का स्थान प्राप्त हुआ था। विरासत की नगरी बनारस कूड़े के ढेर पर था, जिसे लेकर बड़ी थू-थू हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने की वजह से पूरे देश की नजर बनारस पर है। केंद्र व राज्य एजेंसियों के संयुक्त प्रयास से शहर को स्वच्छ बनाने में उत्साहजनक प्रगति हुई है। स्वच्छता को आगे बढ़ाने में सबसे बड़ी सफलता शहरवासियों की सहभागिता सुनिश्चित करने में मिली है।

    स्वच्छता सर्वेक्षण में राष्ट्रीय स्तर पर कुल 18 लाख नगर वासियों ने हिस्सा लिया है। सर्वेक्षण में क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया ने अहम भूमिका निभाई है। इन शहरों व कस्बों के कुल 17500 स्थलों की सफाई का मुआयना किया गया। इनमें 2680 रिहायसी स्थल, 2680 वाणिज्यिक स्थल और 2582 सामुदायिक शौचालयों का निरीक्षण किया गया। केंद्रीय एजेंसियों की भूमिका के चलते प्रदेश में बनारस ने शानदार प्रदर्शन किया है। राज्य के बाकी शहरों की हालत बहुत अच्छी नहीं रही है। राज्य के दूसरे दरजे के कुछ शहरों की स्वच्छता जरूर ठीक हुई है।

    बनारस को साफ करने को लेकर केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी को वहां बहुत पहले ही नियुक्त कर दिया गया था। उसकी पहल पर शहर के सभी 90 वार्डों में हर घर से कूड़ा उठाने की शुरुआत की गई थी। ठोक कचरा प्रबंधन के लिए स्थापित कचरा संयंत्र को संचालित किया गया। शहर के विभिन्न हिस्सों में रात्रि के पहर झाड़ू लगाने की शुरुआत की गई, जिसके उत्साहजनक नतीजे मिले हैं।

    सामुदायिक शौचालयों के संचालन के साथ शहर में जगह-जगह मूत्रालय बनाये गये हैं। शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के साथ गंगा के घाटों की सफाई के लिए विशेष बंदोबस्त किये गये हैं। शहर में चौतरफा जागरुकता अभियान छेड़ा गया, जिसके तहत लोगों को स्वच्छता के प्रति सक्रिय किया गया है। शहर को साफ रखने की नीति के तहत सभी चौराहे होर्डिग मुक्त किये जाएंगे, जबकि सड़कों के किनारे और चौराहों पर खुले में लगाये गये बिजली के ट्रांसफार्मर हटाये जा रहे हैं।

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