माननीयों को ज्यादा वेतन के लिए पार्रिकर के अनोखे तर्क
अगर किसी सांसद या विधायक का पारिवारिक व्यापार या अमीर ससुराल न हो तो उनके लिए खर्च चलाना मुश्किल है। यह कहना है गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर का। पार्रिकर साउथ गोवा रिसोर्ट में मंगलवार को देर शाम संपन्न 16वें ऑल इंडिया व्हिप्स कांफ्रेंस में बोल रहे थे।
पणजी। अगर किसी सांसद या विधायक का पारिवारिक व्यापार या अमीर ससुराल न हो तो उनके लिए खर्च चलाना मुश्किल है। यह कहना है गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर का।
पार्रिकर साउथ गोवा रिसोर्ट में मंगलवार को देर शाम संपन्न 16वें ऑल इंडिया व्हिप्स कांफ्रेंस में बोल रहे थे। सांसदों और विधायकों के लिए ज्यादा वेतन की पैरवी करते हुए उन्होंने कहा, 'एक बार जब आप सांसद या विधायक बन जाते हैं तो यह कोकीन के नशे जैसा होता है। आप अपना कोई कारोबार नहीं कर सकते।' पार्रिकर ने कहा, 'विधायक बनने के बाद अगर व्यक्ति के पास कोई पारिवारिक व्यापार या अमीर घराने की पत्नी नहीं है तो उसके पास आय का कोई दूसरा स्रोत नहीं होता है।' उन्होंने कहा अमेरिकी सीनेटरों की संपत्ति देखी जाए तो स्पष्ट होता है कि ज्यादातर सीनेटरों ने अमीर घराने में शादी की है। उन्होंने कहा कि एक बार जनप्रतिनिधि बनने के बाद व्यक्ति अपनी कमाई के अन्य सभी रास्ते खो देता है। ऐसे में उसे एक बेहतर वेतन मिलना चाहिए।
पार्रिकर ने कहा, 'आलोचना के बावजूद मैं वेतन वृद्धि का समर्थन कर रहा हूं। जो लोग आलोचना कर रहे हैं वे स्थिति को समझते नहीं। आप अगर अखरोट फेकेंगे तो बंदर ही आएंगे।' उनका कहना है कि एक विधायक को महीने में पचास हजार से लेकर तीन लाख रुपये तक का अतिरिक्त खर्च नकद रूप में अपने निर्वाचन क्षेत्र में करना पड़ता है। क्षेत्र का कोई मतदाता अगर किसी प्रकार की सहायता मांगने आता है तो वहां का प्रतिनिधि होने के कारण इन्कार करना संभव नहीं होता। कई बार विधायक को अपना वेतन इन सब पर खर्च करना पड़ता है।
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