'निर्भया गैंगरेप के दोषी का इंटरव्यू प्रसारित करना कोर्ट की अवमानना'
सूचना व प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर का कहना है कि 'निर्भया गैंगरेप' के दोषी पर बनाई गई बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को प्रसारित करना कोर्ट की अवमानना होगी। इस इंटरव्यू में दोषी मुकेश सिंह ने महिलाओं के लिए ऐसी अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है, जिससे हिंसा को बढ़ावा
नई दिल्ली। सूचना व प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर का कहना है कि 'निर्भया गैंगरेप' के दोषी पर बनाई गई बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को प्रसारित करना कोर्ट की अवमानना होगी। इस इंटरव्यू में दोषी मुकेश सिंह ने महिलाओं के लिए ऐसी अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है, जिससे हिंसा को बढ़ावा मिलेगा। बीबीसी को डॉक्यूमेंट्री के लिए इंटरव्यू देते हुए 'निर्भया' कांड के दोषी जेल में बंद मुकेश ने कहा है कि दुष्कर्म के लिए लड़के से ज्यादा लड़कियां जिम्मेदार होती हैं।
बीबीसी इस डॉक्यूमेंट्री को अगामी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आठ मार्च को प्रसारित करने की योजना बना रही है। हालांकि राठौर का कहना है कि अगर बीबीसी निर्भया कांड के दोषी का इंटरव्यू प्रसारित करता है, तो यह कोर्ट की अवमानना मानी जाएगी। ऐसा कार्यक्रम प्रसारित करना भारतीय सूचना व प्रसारण नियमों के भी खिलाफ है। मेरी चैनल को सलाह है कि वो इस इंटरव्यू को प्रसारित करने की गलती न करे।
राठौर ने बताया कि निर्भया सामूहिक बलात्कार के दोषी का साक्षात्कार करने की सशर्त अनुमति पूर्व सरकार द्वारा दी गई थी। उन्होंने बताया, 'बीबीसी के निर्देशक ने खुद तिहाड़ जाकर गैंगरेप के आरोपी का इंटरव्यू किया था। लेकिन इस इंटरव्यू में जिस भाषा का प्रयोग मुकेश ने किया है, वो प्रसारित करने योग्य नहीं है।'
सूचना व प्रसारण राज्य मंत्री ने बताया कि मुकेश ने इंटरव्यू में महिलाओं के खिलाफ जिस अभद्र भाषा का प्रयोग किया है, वो अस्वीकार्य है। ऐसी भाषा महिलाओं के खिलाफ होने वाली यौन उत्पीड़नों की घटनाओं को बढ़ावा देगी। इस इंटरव्यू के प्रसारित होने से कानून-व्यवस्था के बिगड़ने का भी खतरा है।
गौरतलब है कि बीबीसी को डॉक्यूमेंट्री के लिए साक्षात्कार देते हुए 'निर्भया' कांड के मुख्य गुनहगारों में से एक जेल में बंद मुकेश ने कहा है कि दुष्कर्म के लिए लड़के से ज्यादा लड़की जिम्मेदार होती है। उसने यह भी कहा कि अगर लड़की और उसके दोस्त ने इतना विरोध न किया होता, तो वे उन्हें इतनी बुरी तरह से न मारते। लड़की की मौत को एक दुर्घटना बताते हुए मुकेश ने कहा कि दुष्कर्म के वक्त उसे विरोध नहीं करना चाहिए था। उसे चुप रहना चाहिए था और दुष्कर्म होने देना चाहिए था। तब उसे छोड़ दिया जाता और केवल लड़के को मारा जाता।
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