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    'केवीआइसी कैलेंडर पर पीएम की तस्वीर पर हो रहा है बेवजह हंगामा'

    By Lalit RaiEdited By:
    Updated: Fri, 13 Jan 2017 02:41 PM (IST)

    खादी ग्रामोद्योग के कैलेंडर पर पीएम मोदी की तस्वीर पर केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्रा ने कहा कि बेवजह इसे मुद्दा बनाया जा रहा है।

    'केवीआइसी कैलेंडर पर पीएम की तस्वीर पर हो रहा है बेवजह हंगामा'

    नई दिल्ली(एएनआई)। खादी ग्रामोद्योग के कैलेंडर पर पीएम मोदी की चरखा कातने वाली तस्वीर पर विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने कहा कि सोची समझी साजिश के तहत महात्मा गांधी द्वारा स्थापित संस्था पर चोट पहुंचाई जा रही है। कांग्रेस के इन आरोपों पर एमएसएमई मंत्री कलराज मिश्रा ने कहा कि अभी तक ये मामला उनके संज्ञान में नहीं है।लेकिन अगर कांग्रेस को कोई आपत्ति है तो उसका मतलब नहीं है। कांग्रेस के नेताओं के के पास मुद्दों की कमी है लिहाजा वो अप्रसांगिक मामलों में भी बयानबाजी करते रहते हैं।

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    एक तस्वीर पर बबाल

    इस बीच ये भी जानकारी सामने आ रही है जिसमें ये कहा जा रहा है कि ऐसा कोई नियम नहीं है जिसके तहत महात्मा गांधी के अतिरिक्त किसी और शख्स की फोटो नहीं हो सकती है। जहां तक कैलेंडर पर पीएम की तस्वीर का सवाल है तो वो भारतीय युवाओं के रोल मॉडल हैं, और खादी को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के कदम पर बवाल नहीं करना चाहिए।

    केंद्र सरकार की तरफ से सफाई में कहा गया है कि 1996, 2002, 2005, 2011, 2013,2016 में गांधी जी की तस्वीर कैलेंडर पर नहीं थी।

    केवीआईसी के कैलेंडर पर पीएम मोदी

    खादी ग्रामोद्योग आयोग के आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि खादी ग्रामोद्योग के कर्मचारी और अधिकारी इस बदलाव से एकदम चकित हैं। गांधी जी के 'क्लासिक पोज' में मोदी को बड़े से चरखे पर खादी बुनते दिखाती कवर फोटो ने सबको हैरत में डाल दिया है। गोल ऐनक और सफेद धोती पहने गांधी जी की चरखा चलाती ऐतिहासिक फोटो पिछली कई पीढि़यों के जेहन पर अब तक अमिट छाप छोड़ चुकी है।

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    लेकिन ये पहली बार है कि मोदी अपने विशिष्ट पहचान वाले परिधान कुर्ता-पायजामा-जैकेट पहने थोड़े आधुनिक से चरखा चलाते नजर आ रहे हैं। इस बदलाव से हैरान-परेशान कर्मचारियों ने कैलेंडर और डायरी के लांच के समय मुंबई के विले-पार्ले स्थित मुख्यालय पर मुंह पर काली पट्टी बांधकर मौन-प्रदर्शन किया। जब इस बारे में केवीआइसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा, 'पूरा खादी उद्योग ही गांधी जी की विचारधारा पर केंद्रित है। वह केवीआइसी की आत्मा हैं।

    इसलिए उनकी अनदेखी करने का तो सवाल ही नहीं उठता।' सक्सेना ने बताया कि मोदी बहुत लंबे समय से खादी पहनते आ रहे हैं। उन्होंने इसे जनमानस में तो ख्याति दिलाई ही है, विदेशियों के बीच भी इसे प्रसिद्ध कर दिया है। दरअसल वह खादी के सबसे बड़े ब्रांड एम्बेस्डर हैं।

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