देखते रहे 30 हजार जवान-निकल गए रामपाल, तल्ख हुए कोर्ट के तेवर
जो संकेत हैं उनके अनुसार हत्या मामले के आरोपी आध्यात्मिक गुरु संत रामपाल अब बरवाला स्थित अपने सतलोक आश्रम में नहीं हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए घेराबंदी किए 30 हजार पुलिसकर्मी देखते रह गए और संत रामपाल आश्रम से निकल गए।
हिसार, जागरण संवाददाता। जो संकेत हैं उनके अनुसार हत्या मामले के आरोपी आध्यात्मिक गुरु संत रामपाल अब बरवाला स्थित अपने सतलोक आश्रम में नहीं हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए घेराबंदी किए 30 हजार पुलिसकर्मी देखते रह गए और संत रामपाल आश्रम से निकल गए। आश्रम के प्रवक्ता ने भी संत के अब आश्रम में न होने की बात कही है। कहा है कि पुलिस की रोकटोक से आश्रम में दवाएं और चिकित्सकीय उपकरण नहीं पहुंच पा रहे थे, इसलिए अस्वस्थ संत को आश्रम छोडऩा पड़ा। सोमवार शाम आश्रम में घुसने की पुलिस की कोशिश तब नाकाम हो गई जब करीब दर्जन भर उग्र संत समर्थकों ने अपने शरीर पर डीजल डालकर आत्मदाह की कोशिश की। कुछ समर्थकों ने पुलिस की गाडिय़ों से अपने सिर मारकर खुद को जख्मी कर लिया। हजारों समर्थक अभी भी सतलोक आश्रम को घेरे हुए हैं और उसके भीतर मौजूद हैं। हाई कोर्ट ने संत की गिरफ्तारी के लिए पुलिस को अब 21 नवंबर तक का समय दिया है।
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा जारी गैर जमानती वारंट पर गिरफ्तारी के लिए गई पुलिस के साथ संत समर्थकों का टकराव तब हुआ जब शाम करीब पौने छह बजे आश्रम के मुख्य द्वार पर लगी लाइट के कनेक्शन काटने का प्रयास हुआ। इस दौरान 12 से 15 समर्थक आश्रम के भीतर से डीजल के दो छोटे ड्रम निकाल लाए और खुद पर डीजल डाल लिया। जब खुद में आग लगाने का प्रयास कर रहे थे तभी उन्हें पकड़ लिया गया। इसी दौरान कुछ समर्थक पुलिस की गाडिय़ों के आगे लेट गए। समर्थकों ने शोर मचाते हुए कहा कि संत रामपाल की गिरफ्तारी से पहले वे खुद को हर सांसारिक बंधन से मुक्त कर देंगे। पुलिस को उनकी लाश के ऊपर से ही आश्रम के भीतर जाना होगा। पुलिस ने जब सड़क पर लगा उनका तंबू उखाड़ा-तो संत समर्थक भिडऩे पर उतारु हो गए और उनमें झड़प भी हुई। इसके बाद पुलिसकर्मी पीछे हट गए। पुलिस अधिकारियों ने संत समर्थकों को चेतावनी दी है कि वे किसी प्रकार की मानव क्षति नहीं पहुंचाना चाहते हैं, अत: वे कानून का साथ दें और आश्रम खाली कर दें। हिसार के पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र गुप्ता ने दावा किया कि संत रामपाल अभी सतलोक आश्रम में ही मौजूद हैं। उनकी शांतिपूर्ण गिरफ्तारी के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि हजारों संत समर्थक सतलोक आश्रम को घेरे हुए हैं। तमाम समर्थक पुलिस प्रतिरोध के लिए आश्रम की चौड़ी दीवारों पर भी चढ़े हुए हैं। सबसे आगे छह से आठ हजार महिलाएं और बच्चे हैं।
रामपाल मामले में और तल्ख हुए कोर्ट के तेवर
चंडीगढ़, जागरण संवाददाता। संत रामपाल मामले में जो किया जा रहा है उससे गलत संदेश जा रहा है। यह तल्ख टिप्पणी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस एम जयपॉल एवं जस्टिस दर्शन सिंह की खंडपीठ ने कोर्ट के बार-बार के आदेश के बाद भी रामपाल को गिरफ्तार न करने पर की।
उल्लेखनीय है कि संत रामपाल को कोर्ट ने गत पांच नवंबर, दस नवंबर और 17 नवंबर को पेश किए जाने का आदेश दिया लेकिन उस पर सोमवार तक अमल नहीं हो पाया।
खंडपीठ ने हरियाणा सरकार को कड़ी फटकार लगते हुए कहा कि पुलिस रामपाल को गिरफ्तार न कर अपराधियों और कानून तोडऩे वालों को गलत संदेश दे रही है। कल हर अपराधी खुद को कानून से बचाने के लिए यही हथकंडे अपनाएगा। इस तरह तो प्रशासनिक मशीनरी ही तबाह हो जाएगी। हरियाणा के डीजीपी श्रीनिवास वशिष्ठ ने बेंच को बताया कि सतलोक आश्रम जहां रामपाल हैं, को उसके हजारों समर्थकों ने घेरा हुआ है। आश्रम में खासतौर पर महिलाएं और बच्चे आगे बैठा दिए गए हैं। ऐसे में उनके खिलाफ कोई भी बलपूर्वक कार्रवाई करने से जानमाल की बड़ी क्षति हो सकती है। लिहाजा रामपाल को गिरफ्तार करने के लिए तीन से चार दिनों का समय और दिया जाए। इसके बाद हाई कोर्ट ने 21 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई पर रामपाल को गिरफ्तार कर सुबह दस बजे हाई कोर्ट में पेश किए जाने का आदेश देते हुए संत के खिलाफ नया गैर-जमानती वारंट जारी किया। बेंच ने कहा कि अगर वो वारंट का पालन नहीं कर पाए तो अगली सुनवाई पर बेंच के सामने गृह सचिव व डीजीपी दोनों पेश हों।
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