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    संत रामपाल ने कहा तबीयत खराब, अदालत में नहीं हो सकते पेश

    By Rajesh NiranjanEdited By:
    Updated: Mon, 17 Nov 2014 08:37 AM (IST)

    संत की ओर से सोमवार को बयान जारी कर साफ कर दिया है कि वे पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पेश नहीं होंगे। इसके लिए खराब स्‍वास्‍थ्‍य स्थिति को उनकी ओर से कारण बताया गया है।

    हिसार, जागरण न्यूज नेटवर्क। सतलोक आश्रम के संत रामपाल की गिरफ्तारी के लिए हरियाणा पुलिस और प्रशासन के हाई वोल्टेज ड्रॉमे से कुछ निकलकर नहीं आ रहा। इस बीच संत की ओर से सोमवार को बयान जारी कर साफ कर दिया है कि वे पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पेश नहीं होंगे। इसके लिए खराब स्वास्थ्य स्थिति को उनकी ओर से कारण बताया गया है।

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    इससे पहले रविवार सुबह से ही सुरक्षा बलों ने चुस्ती दिखाई थी और आश्रम की ओर कूच शुरू किया था लेकिन कार्रवाई पर अंतिम निर्णय नहीं होने के कारण उनके कदम थम गए। चार दिनों से पुलिस रामपाल की गिरफ्तारी के प्रयास में है परंतु 30 हजार की संख्या में तैनात सशस्त्र पुलिस बल उन्हें गिरफ्तार करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है।

    इस बीच सरकार ने कई मध्यस्थों को रामपाल से बातचीत के लिए भेजा था पर आश्रम के प्रवक्ता और समर्थक अपनी बात पर अड़े हुए हैं। संत को 17 नवंबर तक गिरफ्तार कर पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट में पेश करना है। हालांकि संत अनुयायियों ने यह कहकर उम्मीद जगा दी है कि रामपाल स्वस्थ हुए तो अवश्य कोर्ट जाएंगे लेकिन चिकित्सकों ने 19 तक आराम की सलाह दी है।

    ठंड के बीच रामपाल के हजारों समर्थक और पुलिस के जवान आमने-सामने डटे रहे। महिलाएं और बच्चे सड़क पर रजाई ओढ़े आश्रम के सामने बैठे रहे। उनके द्वारा लगाए जा रहे जयकारों के आगे पुलिस अधिकारी सिर्फ चश्मदीद बने हुए हैं। कई नेताओं द्वारा तीन दौर की वार्ताएं भी बेनतीजा रहीं। पांच जिलों की पुलिस, रैपिड एक्शन फोर्स और पैरामिलिट्री के जवान रामपाल को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के लिए सतलोक आश्रम से थोड़ी ही दूर पर शनिवार से मोर्चा संभाले हुए हैं। इसके अलावा पुलिस ने आश्रम की बाहर से वीडियो रिकार्डिंग की भी प्रक्रिया शुरू की हुई है। संत के समर्थक भी पूरी मुस्तैदी के साथ मोर्चा संभाले हुए हैं। आश्रम के बाहर से लेकर छतों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु तैनात हैं। देर रात श्रद्धालु संत के जयकारे में तल्लीन थे।

    कौन हैं रामपाल

    संत रामपाल का जन्म आठ सिंतबर, 1951 को सोनीपत के धनाणा गांव में हुआ था। उनके पिता नंदराम किसान थे। इंजीनियङ्क्षरग में डिप्लोमा करने के बाद रामपाल सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर के पद पर नियुक्त हुए। करीब पांच साल तक नौकरी के बाद उन्होंने त्याग पत्र दे दिया। इसके बाद वे भक्ति में लग गए। 1988 में स्वामी रामदेव आनंद महाराज के साथ भक्ति करने लगे। बाद में 1999 में रोहतक के करौंथा में सतलोक आश्रम स्थापित किया।

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