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आसाराम की जमानत पर आज हो सकता है फैसला

नाबालिग के दुष्कर्म के आरोपी आसाराम की जमानत याचिका पर मंगलवार को फैसला नहीं हो सका। जोधपुर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने करीब ढाई घंटे तक चली बहस के बाद सुनवाई स्थगित करते हुए कहा कि याचिका पर बुधवार को भी सुनवाई होगी और फैसला भी आ सकता है। सुप्रीम कोर्ट के वकील केके मेनन की अगुवाई में आधा दर्जन वकीलों ने आसाराम की जमानत याचिका पर बहस करते हुए उनके बचाव में तथ्य पेश किए।

By Edited By: Updated: Wed, 04 Sep 2013 02:46 AM (IST)
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जोधपुर [जागरण संवाददाता]।

नाबालिग के दुष्कर्म के आरोपी आसाराम की जमानत याचिका पर मंगलवार को फैसला नहीं हो सका। जोधपुर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने करीब ढाई घंटे तक चली बहस के बाद सुनवाई स्थगित करते हुए कहा कि याचिका पर बुधवार को भी सुनवाई होगी और फैसला भी आ सकता है। सुप्रीम कोर्ट के वकील केके मेनन की अगुवाई में आधा दर्जन वकीलों ने आसाराम की जमानत याचिका पर बहस करते हुए उनके बचाव में तथ्य पेश किए।

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नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार आसाराम को सोमवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था। जमानत याचिका पर बहस के दौरान अदालत में उनका बचाव करते हुए वकीलों ने कहा कि पुलिस की ओर से पेश किए गए तथ्य पूरी तरह झूठे हैं। पुलिस मीडिया के दबाव में काम कर रही है। इसके अलावा व्यवस्था होने के बावजूद केस डायरी में पेज नंबर और न्यायाधीश के हस्ताक्षर नहीं है। इससे केस डायरी में साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की आशंका है। अतिरिक्त महाधिवक्ता आनंद पुरोहित ने इन दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि पुलिस के पास आसाराम के खिलाफ ठोस सबूत हैं। उन्हीं के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया है। करीब ढाई घंटे की बहस के बाद जज ने सुनवाई स्थगित करते हुए कहा बाकी सुनवाई बुधवार को होगी।

रसोइये से भी होगी पूछताछ

आसाराम के खास सेवक शिवा से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर उसके रसोइये प्रकाश से भी पूछताछ की जाएगी। इसके लिए जोधपुर पुलिस ने समन भेजा है। शिवा ने पुलिस के समक्ष आसाराम को लेकर कई खुलासे किए हैं। डीसीपी अजय लांबा ने कहा कि मामले में लगातार नई-नई बातें सामने आ रही हैं।

इसी मामले में राजस्थान हाई कोर्ट में मंगलवार को एक याचिका दायर की गई, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दी। याचिका में आसाराम पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया था। केकड़ी की स्थानीय अदालत में भी आसाराम के विरुद्ध भक्तों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में इस्तगासा दायर हुआ।

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