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    आसाराम की आवभगत, गंगाजल से नहाए, जेल अधीक्षक खिला रहे खाना

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    Updated: Thu, 05 Sep 2013 08:21 AM (IST)

    नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में जेल पहुंचने के बावजूद आसाराम बापू के शान-शौकत में कोई कमी नहीं आई है। केंद्र सरकार के कड़े रुख एवं मुख्यमंत्री अशोक ग ...और पढ़ें

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    नरेंद्र शर्मा, जयपुर। नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में जेल पहुंचने के बावजूद आसाराम बापू के शान-शौकत में कोई कमी नहीं आई है। केंद्र सरकार के कड़े रुख एवं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के स्पष्ट निर्देश के बाद भी जोधपुर जेल प्रशासन उनकी आवभगत में जुटा है। आसाराम ने बुधवार सुबह गंगाजल से स्नान किया और जेल के अपने कमरे में गंगाजल छिड़का। जेल अधीक्षक ने अपने घर से पानी की बाल्टी मंगवाई, जिसमें आसाराम ने गंगाजल डालकर स्नान किया।

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    पढ़ें: जानिए, भव्य कुटिया में रहने वाले आसाराम की जेल में कैसे कटी रात

    मंगलवार रात जेल का स्टाफ जब अन्य कैदियों की तरह उनके पास दाल-रोटी लेकर गया तो आसाराम ने खाने से इन्कार कर दिया। जेल अधीक्षक राकेश मोहन शर्मा उन्हें एक घंटे तक मनाने का प्रयास करते रहे, लेकिन वे नहीं माने। अंतत: शर्मा ने अपने घर से दलिया मंगवाया। शर्मा आसाराम के जेल पहुंचने के बाद से ही उनकी सेवा में जुटे हैं। पहले दिन भी उन्होंने आसाराम की आवभगत में कोई कमी नहीं रखी थी। मंगलवार रात को शर्मा ने अपने घर से आसाराम के लिए दलिया और दूध मंगवाया। बुधवार सुबह आसाराम की इच्छा पर अनार और दूध नाश्ते में दिया गया। उन्होंने दोपहर का भोजन नहीं किया। हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फिर दोहराया कि कानून सबके लिए समान है। गृह मंत्रालय भी कह चुका है कि आसाराम के साथ आम लोगों जैसा व्यवहार किया जाए। लेकिन इन आदेशों की जेल प्रशासन को कोई परवाह नहीं।

    बदसूरत सेवक, खुबसूरत सेविकाएं पसंद हैं आसराम को

    आसाराम के खास सेवक शिवा ने पूछताछ में जोधपुर पुलिस को बताया है कि आसाराम अपने आसपास खूबसूरत महिला सेवादारों को रखना पसंद करते हैं। लेकिन अच्छी सेहत वाले आकर्षक पुरुष सेवादारों को वह अपने बहुत करीब नहीं आने देते। इसकी वजह है कि वे अपने प्रति समर्पित महिला सेवादारों को लेकर असुरक्षित महसूस करते हैं। आसाराम कई महिलाओं से अकेले में मिलते थे। शिवा ने बताया कि शाहजहांपुर से बापू के शिष्य और उनकी बेटी के जोधपुर आने की पूर्व सूचना उसी ने दी थी। शिवा ने यह भी माना कि छात्रा पर किसी पुरुष का प्रेत होने की बात कहकर उसे यहां बुलाया गया था।

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