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    अरुण जेटली ने पेश किया 'पब्लिक वेलफेयर बजट', हर वर्ग का रखा ध्‍यान

    By Tilak RajEdited By:
    Updated: Wed, 01 Feb 2017 05:29 PM (IST)

    अरुण जेटली ने महिलाओं का भी बजट में पूरा ध्‍यान रखा है। गर्भवती महिलाओं के लिए 6000 रुपये उनके बैंक अकाउंट में सीधे डाले जाएंगे। ...और पढ़ें

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    अरुण जेटली ने पेश किया 'पब्लिक वेलफेयर बजट', हर वर्ग का रखा ध्‍यान

    नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली से उम्मीद थी कि बजट 2017-18 में वह सबको खुश करने की कोशिश करेंगे। बजट में लोकलुभावन घोषणाएं होंगी। यह बजट लोकलुभावन तो नहीं है, लेकिन इसमें हर वर्ष वर्ग को ध्यान में रखा गया है। किसानों से लेकर उद्योगपतियों और युवाओं से लेकर वरिष्ठ नागरिकों तक, सबको इस बजट में कुछ ना कुछ मिला है। बड़ा सवाल यह है कि देश के चार राज्यों में जल्द विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, क्या बजट का प्रभाव चुनाव पर देखने को मिलेगा? विपक्ष ने पहले ही मांग की थी कि विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बजट सत्र को कुछ समय के लिए टाल देना चाहिए।

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    अरुण जेटली द्वारा पेश किया गया बजट 2017-18 को अगर 'पब्लिक वेलफेयर बजट' कहें, तो गलत नहीं होगा। यह बजट किसान, गांव, युवा, गरीब, इन्फ्रास्ट्रक्चर, वित्तीय क्षेत्र, डिजिटल इंडिया, पब्लिक सर्विस, खर्च पर संयम और सरल टैक्स पर आधारित है।

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    गांवों और किसानों के लिए बजट में बहुत कुछ

    ग्रामीण एवं संबद्ध क्षेत्रों के लिए 2017-18 में 1,87,223 करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में रखा गया है। दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के लिए 2017-18 में 2,814 करोड़ रुपये रखे गए हैं। मनरेगा के लिए 48,000 करोड़ रुपये का प्रावधान है। 2016-17 में इसके लिए 38,500 करोड़ रुपये रखे गए थे। इस बजट में 10 लाख करोड़ रुपये के कृषि ऋण का लक्ष्य है। फसल बीमा के लिए 9 हजार करोड़ रुपये रखे गए हैं। नाबार्ड के लिए 20 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान है। नाबार्ड के तहत सिंचाई के लिए लंबे टर्म के लिए 30 हजार करोड़ को बढ़ाकर 40 हजार करोड़ किया गया। किसानों के हित में मिट्टी के परीक्षण के लिए 100 से ज्यादा अनुसंधान लैब बनाए जाएंगे।

    मिडिल क्लास को बड़ी राहत

    मिडिल क्लास को बड़ी राहत बजट में दी गई है। इनकम टैक्स घटाया गया है। अब 3 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। 2.5 से 5 लाख रुपये तक की आय पर अब 5% टैक्स लगेगा। 50 लाख से 1 करोड़ तक की वार्षिक आय वालों पर 10% सरचार्ज लगेगा।

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    उद्योगपति भी बजट से होंगे खुश

    स्टार्टअप के लिए कंपनियों को टैक्स सीमा में सात साल के लिए छूट दी गई है। घरों के लिए कैपिटल गेन टैक्स सीमा घटी है। कैपिटल टैक्स सीमा 3 से घटाकर 2 साल हो गई है। घरों के लिए कैपिटल गेन टैक्स सीमा घटी है, इसकी सीमा 3 से घटाकर 2 साल हुई। छोटी कंपनियों को टैक्स में छूट, 25% हुआ टैक्स। टैक्स सीमा 3 साल से घटाकर 2 साल की गई। जमीन अधिग्रहण पर मिलने वाले मुआवजे पर टैक्स नहीं लगेगा। आंध्र प्रदेश में जमीन लेने पर कैपिटल टैक्स नहीं लगेगा। लघु एवं मध्य वर्ग के किसानों को भी सहकारी क्रेडिट सेक्टर के माध्यम से मदद की कोशिश की जाएगी।

    यात्रियों को सुविधा

    3500 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन बनाई जाएगी। 2019 तक सभी ट्रेनों में बायो टॉइलट होंगे। पर्यटन और तीर्थयात्रा के लिए अलग ट्रेनें चलाई जाएंगी। कैशलेस रिजर्वेशन 58 से बढ़कर 68 पर्सेंट हो गया है। ई-टिकट पर सर्विस टैक्स नहीं लगेगा। रेलवे के लिए कुछ खास प्रावधान किए गए हैं। इसके विकास पर खर्च होंगे 1.31 लाख करोड़, 3500 किमी नया रेलमार्ग, 7000 रेलवे स्टेशनों पर सौर ऊर्जा की सुविधा, IRCTC पर सर्विस चार्ज नहीं लगेगा।

    युवाओं के लिए वायदे

    सीबीएसई अब नई परीक्षा नहीं लाएगी। आईआईटी जैसी परीक्षाओं और नैशनल एंट्रेंस टेस्ट के लिए नई बॉडी। युवाओं के लिए 1 लाख 30 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान। शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े ब्लॉक पर नजर रहेगी।

    महिलाओं का भी रखा गया ध्यान

    अरुण जेटली ने महिलाओं का भी बजट में पूरा ध्यान रखा है। गर्भवती महिलाओं के लिए 6000 रुपये उनके बैंक अकाउंट में सीधे डाले जाएंगे। वहीं महिलाओं के लिए आंगनबाड़ी के माध्यम से 500 करोड़ रुपये के खर्च का विशेष प्रावधान किया गया है।

    वरिष्ठ नागरिकों को भी सहारा

    वरिष्ठ लोगों के लिए कई योजनाएं लाई गई हैं। एलआईसी भी उनके लिए नई योजना लाएगी, जिसमें हर साल 8 फीसदी का रिटर्न मिल सके। वहीं बीमा एजेंटों की आय को 5 फीसदी टीडीएस कटौती से मुक्त किया, हालांकि आय कर योग्य नहीं होने पर ही मिलेगा फायदा।

    अन्य सुविधाएं

    डाकघरों को फ्रंट कार्यालय बनाया जाएगा। जीपीओ से पासपोर्ट बनेंगे। सैनिकों को तोहफा, अलग से रिजर्वेशन कराने की सुविधा। रेलवे वॉरंट लेकर यात्रा की जरूरत नहीं। एससी, एसटी और अल्पसंख्यकों के विकास के लिए भी सरकार खास ध्यान दे रही है। अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए 4195 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।