अबकी बार विजयदशमी खास, सेना का ताकतवर होना जरूरी: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि 1962 से लेकर 1967 के बीच देश की राजनीति में एक बड़ा खालीपन आ गया था।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नियंत्रण रेखा के पार आतंकी ठिकानों पर सेना की सफल सर्जिकल स्ट्राइक की ओर इशारा करते हुए कहा कि इस साल की विजया दशमी देश के लिए बहुत खास है। उनका यह बयान पाकिस्तान के कब्जे वाले आजाद कश्मीर में भारतीय सेना की आतंकी शिविरों पर हमले के बाद आया है। प्रधानमंत्री रविवार को यहां पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्मशती समारोह को संबोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने जनसंघ के विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय को देश में राजनीतिक विकल्प का प्रणेता बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और कर्मठता का ही फल है कि देश की राजनीति में जनसंघ के रूप में कांग्रेस का एक मजबूत विकल्प खड़ा हो सका। पंडित दीनदयाल के जीवन दर्शन को समर्पित 'वांगमय' के विमोचन समारोह में मोदी ने कहा 15 खंडों वाले इस वांग्मय में उनके एकात्मवाद के विचार, दर्शन, उनके जीवनकाल की यात्रा, भारतीय जनसंघ की स्थापना, भारत-पाक युद्ध, गोवा की स्वतंत्रता और ताशकंद समझौते से जुड़े घटनाक्रम को संकलित किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 1962 से लेकर 1967 के बीच देश की राजनीति में एक बड़ा खालीपन आ गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु के बाद कौन? यह सवाल सबकी जुबान पर था। ऐसे समय पर देश में कांग्रेस से इतर एक नयी राजनीतिक विचारधारा को पनपने का असवर पंडित जी के प्रयासों से ही संभव हो सका। जनसंघ से लेकर भारतीय जनता पार्टी तक संगठन आधारित राजनीतिक दल को खड़ा करने में पंडित जी की भूमिका अहम रही। उनके बोये राजनीतिक बीज का फल आज तक मिल रहा है। उनके प्रयासों से देश की राजनीति में आज ऐसा मजबूत राजनीतिक विकल्प अस्तित्व में आ चुका है जो संगठन आधारित है। यह संगठन राष्ट्र के प्रति समर्पित है।
दीनदयाल उपाध्याय के बारे में मोदी ने कहा कि उन्होंने निर्धनता, भेदभाव और शोषण मुक्त समाज की कल्पना की थी। उनकी जन्मशती वर्ष को गरीब कल्याण वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इस दौरान हर विभाग को अपनी नीतियां और कार्यक्रम तय करते समय गरीबों के कल्याण को प्रमुखता देनी होगी। पंडित जी का कहना था कि भारत की जड़ों से जुड़ी राजनीति, अर्थनीति और समाज नीति ही देश के भाग्य को बदलने का सामर्थ्य रखती है। कोई भी देश अपनी जड़ों से कटकर विकास नहीं कर सका है। उस महान विभूति को याद करते हुए मोदी ने कहा कि आइये हम सभी मिलकर देश के विकास का संकल्प लेकर अपनी नयी यात्रा शुरु करें। उन्होंने देशवासियों को विजयादशमी की शुभकामनाएं दी।
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